रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
खरसिया, 18 सितंबर। डॉ. रमेश टण्डन के द्वारा एम ए हिन्दी तृतीय और चतुर्थ सेमेस्टर के छात्रों के लिए संपादित की गई दो किताबों भारतीय काव्य शास्त्र और पाश्चात्य काव्य शास्त्र को 16 सितम्बर को नंदेली हाऊस में उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने विमोचन किया।
उक्त अवसर पर प्रो. चरणदास बर्मन शासकीय महाविद्यालय चन्द्रपुर, प्रो. वासुदेव पटेल शासकीय महाविद्यालय जोबी बर्रा, प्रो. दिनेश संजय सहायक प्राध्यापक खरसिया, पुष्पांजलि दासे व्याख्याता बड़े भण्डार, जानकी साव महाविद्यालय बांधापाली, एम ए हिन्दी के छात्र मुकेश पटैल, रेशमा चौहान, शारदा पटैल, दुर्गा पटैल, सुनिता सिदार आदि भी विमोचन के कार्य में सहभागी बने।
छत्तीसगढ़ के विभिन्न महाविद्यालयों में पदस्थ सहायक प्राध्यापकों ने छात्रों की सुविधा के लिए उक्त दोनों किताबों में अध्याय लेखन का कार्य किया है। मंत्री ने इन किताबों को छात्र हित में तथा लेखन कार्य की दिशा में खरसिया कॉलेज के हिन्दी विभाग की विशेष उपलब्धि बताते हुए संपादक डॉ. रमेश टण्डन खरसिया व उनके सहयोगी सह संपादकों - सी डी बर्मन चन्द्रपुर, बी के भगत रायगढ़, वंदनारानी खाखा मरवाही, सीमारानी प्रधान महासमुंद, हेमपुष्पा नायक बिर्रा, डॉ. बी नंदा जागृत राजनांदगाँव, राजकुमार लहरे रायगढ़, सपना पाटले खरसिया और डॉ. कल्पना मिश्रा रायपुर को शुभकामनाएँ दी और ऐसे ही शोध कार्य की ओर प्रव्रित्त रहने के लिए प्रेरित किए।
विमोचन पूर्व 13 सितम्बर को विभागाध्यक्षों की बैठक में नैक पीयर टीम ने किताबों का अवलोकन करते हुए इसे शोध कार्य की दिशा में श्रेष्ठ कार्य बताते हुए संपादक डॉ. रमेश टण्डन व हिन्दी विभाग को उनके द्वारा किए जा रहे छात्र केन्द्रित गतिविधियों के लिए बधाई देते हुए पूरे महाविद्यालय को एक आदर्श कॉलेज कहा।
पुस्तक प्रकाशन पर प्राचार्य डॉ. एच पी खैरवार एवं जे आर कुर्रे, डॉ. आकांक्षा मिश्रा, मदन मलहोत्रा, काश्मीर एक्का, एम एल धीरही, मनोज बरेठा, रीता सिंह, मनोज साहू, स्वाति सिंह, एल एस पोर्ते, अश्वनी पटेल, सी व्ही डनसेना, वकील अहमद, प्रतिमा सिंह, साक्षी देवांगन, एल डी मानिकपुरी, पी के चेतानी, एस के इजारदार, जे केरकेट्टा, जी डी महंत, अरूण यादव, प्रेमसाय, रूद्र राठिया, प्रियंका पटैल, सोनिया चैहान, रूख्मणी पटेल, कीर्तन अजय, ट्विंकल वैष्णव, विवेक, अनिल, छाया राठौर, कौशिल्या गबेल सहित समस्त महाविद्यालयीन परिवार हर्षित हुए।