कोरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 19 सितम्बर। छंद मुक्त के वरिष्ठ कवि साहित्यकार संबोधन साहित्य एवं कला विकास संस्थान के पूर्व अध्यक्ष अमर लाल सोनी के निधन पर संबोधन संस्थान के साहित्यकारों ने शोक सभा का आयोजन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
स्व. अमर लाल सोनी लगभग 6 दशकों से अधिक समय तक साहित्य सृजन में लगे रहे एवं हिंदी साहित्य के प्रति उनके अनुराग को देखते हुए उन्हें साहित्य साधना के लिए सम्मानित भी किया गया था। संबोधन संस्थान के अध्यक्ष जगदीश पाठक ने अमर लाल सोनी को अपना साहित्य गुरु निरूपित करते हुए उन्हें युवा पीढियों के लिए साहित्य का सच्चा मार्गदर्शक बताया।
साहित्य प्रभारी सतीश उपाध्याय ने अमर लाल सोनी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विचार व्यक्त किए। अरविंद वैश्य ने उन्हें साहित्य का भीष्म पितामह बताते हुए उनकी प्रतिनिधि रचनाओं का उल्लेख किया।
संस्थान के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेंद्र अरोड़ा ने बताया कि वे साहित्यकारों की भावनाओं का भरपूर सम्मान करते थे। उन्होंने जीवन के संघर्ष के पलों में बहुत सहारा दिया था। संस्थान के पूर्व अध्यक्ष विनोद तिवारी ने कहा संबोधन को साहित्य की ऊंचाइयां देने में वरिष्ठ साहित्यकार अमर लाल सोनी का अभूतपूर्व योगदान है।
संस्थान के सचिव संजय ताम्रकार ने कहा कि मेरी साहित्य की समझ एवं लेखन की शुरुआत स्व. अमर लाल सोनी के मार्गदर्शन में ही प्रारंभ हुई थी। उन्होंने कहा कि आज वे साहित्य के क्षेत्र में जो कुछ भी हैं उनका पूरा श्रेय उन्हीं को देता हूं। अंत में 2 मिनट का मौन धारण कर मृत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई।