सुकमा
सुकमा, 20 सितंबर। छत्तीसगढ़ स्कूल मध्यान्ह भोजन रसोइया कल्याण संघ अपनी तीन मांगों नियमित करने, कलेक्टर दर पर मानदेय देने तथा नौकरी से न निकालने को लेकर लगातार हड़ताल पर है। इन मांगों को लेकर रसोइया संघ राजधानी में भी प्रदर्शन कर चुका है व अब प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर ब्लॉक एवं जिला मुख्यालय में भी प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी कड़ी में विकासखण्ड छिंदगढ़ मुख्यालय में खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सामने 562 रसोइयों के हड़ताल को समर्थन देने नेताओं की टोली भी पहुंच रही है।
भाजपा नेत्री दीपिका का कहना है कि महंगाई को देखते हुए 50 रु प्रतिदिन पर काम लेना न्यायसंगत नहीं हैं। रसोइया संघ की मांग कलेक्टर दर पर भुगतान एवं नियमितीकरण वाजिब मांग हैं मैं छत्तीसगढ़ की वर्तमान सरकार से मांग करती हूं कि इनकी मांगों को जल्द से जल्द पूर्ण करें जिससे पूरे छत्तीसगढ़ के स्कूलों में मध्यान्ह भोजन व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके ।
विदित हो कि विकासखण्ड छिंदगढ़ में प्राथमिक शाला 305 एवं माध्यमिक शाला 98 कुल संख्या 398 है तथा इन स्कूलों में कार्यरत रसोइयों की संख्या 562 है इन रसोइयों के हड़ताल में चले जाने से स्कूल में चलने वाली मध्यान्ह भोजन व्यवस्था चरमरा गई है।
रसोइया कल्याण संघ के सम्भागीय अध्यक्ष बलराम ठाकुर ब्लॉक अध्यक्ष तप्पे सिंह ठाकुर एवं ब्लॉक सचिव झन्नु मरकाम ने कहा कि जब तक हमारी ये तीनों मांगे पूर्ण नहीं हो जाती है हमारा यह आंदोलन जारी रहेगा।
महिला रसोइयों ने कहा कि सरकारी स्कूलों में मध्यान्ह भोजन पकाने की जिम्मेदारी रसोईया संघ की है. साल 2009 से अब तक उन्हें मानदेय के रूप में केवल 1500 रुपए दिया जा रहा है. इसमें केंद्र सरकार के द्वारा हजार रुपए और 500 रुपये छत्तीसगढ़ सरकार दे रही है. 1500 रुपए के मानदेय में उनके परिवार का पालन पोषण नहीं हो पा रहा है।