बीजापुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 20 सितंबर। पहली बार छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक, सदस्य नीता विश्वकर्मा व अर्चना उपाध्याय ने महिला उत्पीडऩ के प्राप्त प्रकरणों की सुनवाई करने के लिए यहां पहुंची थी।
जिला कार्यालय के सभाकक्ष में महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने महिलाओं के प्रकरणों को सुना औऱ उनका बयान लिया। साथ ही साथ अनावेदकगण का भी बयान दर्ज किया गया।
किरणमयी ने पत्रकारवार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा की राज्य की महिलाओं को घरेलु हिंसा के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। साथ ही शिकायत करने के लिए आगे आ रही महिलाओं को तत्काल न्याय दिलाया जा रहा है। ताकि महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़े औऱ वे सम्मान के साथ अपना जीवन जी सकें। इसके अलावा कामकाजी महिलाओं के साथ होने वाले अशोभनीय व्यवहार पर कार्रवाई करके महिलाओं को उत्पीडऩ से बचाया जा रहा है। हर जिले में मानव तस्करी के रोकथाम के लिए प्रदेश स्तर पर वर्कशाप की तैयारी की जा रही है।
उन्होंने कहा कि बीजापुर जिले की सखी सेंटर का हमने कार्यालय देखा औऱ नवनिर्मित सी मार्ट में जाकर वहां से कुछ खरीददारी भी की। उन्होंने कहा कि बीजापुर जिले में हम पहली बार पहुंचे है। जिले में काफ़ी विकास हुआ है।
महतारी न्याय रथ से महिलाओं को किया जा रहा जागरूक
महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी ने कहा कि मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ के माध्यम से राष्ट्रीय विविध जागरूकता पर बनी लघु फिल्मों को न्यायालय से अनुमति लेकर दिखाया जा रहा है। इसमें मुख्य रूप से टोनही प्रताडऩा, भूर्णहत्या, नशामुक्ति, मानव तस्करी, पॉक्सो एक्ट, घरेलु हिंसा, गुडटच, बेडटच, घरेलू हिंसा औऱ नशा, बालश्रम, नाबालिग विवाह जैसी फिल्मों को दिखाया जा रहा है। महिला आयोग ने हर जिले से डीएमएफ फण्ड से 10 लाख का फण्ड माँगा है, जिससे यह रथ हर जिले में चले औऱ महिलाओं को जागरूक किया जा सके।