रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 सितंबर। छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी वन विभागीय कर्मचारियों द्वारा जारी 20 अगस्त से अनिश्चितकालीन आंदोलन के आज 35 वें दिन 4 दैनिक वेतन भोगी कर्मियों की मृत्यु हो गई है। इससे आंदोलनकारियों में व्यापक असंतोष व्याप्त है तथा मृतक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के आश्रितों को 5 लाख मुआवजा एवं समान पद पर अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने की मांग की गई है।
दैनिक वेतन भोगी वन विभागीय कर्मचारी संघ के प्रांत अध्यक्ष कमल नारायण साहू, महामंत्री रामकुमार सिन्हा एवं संरक्षक तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ विजय कुमार झा ने मांग की है कि आंदोलन के दौरान कल संचानालय खाद्य में पदस्थ वाहन चालक योगेश वानखेड़े द्वारा 4 माह से वेतन न मिलने व सेवा समाप्ति के कारण आत्महत्या का अप्रिय निर्णय लेना पड़ा। इसी प्रकार जंगल सफारी व पंडरी वन विभाग के एक-एक कर्मचारी सेवा समाप्ति के भय से भयाक्रांत होकर हृदय गति रुक जाने से परलोक धाम सिधार गए। आज ही मुंगेली जिले के एक वाहन चालक की मृत्यु हुई है, जिसे हड़ताल से वापस जाने के बाद सेवा में न रखने की धमकी देकर भगा दिया गया था, उसकी मृत्यु हुई है। जिसकी पत्नी 6 माह के गर्भावस्था में है। आज आंदोलन के 35 वें दिन आंदोलनकारियों का नेतृत्व उपाध्यक्ष अरविंद शर्मा, राजकुमार चौहान, कोषाध्यक्ष प्रीतम निषाद, नरेश पटेल, शुभम जयसवाल, रोहित पटेल, गिरधर जैन, आकाश, हारून दास मानिकपुरी, बिंदेश्वरी, कांशी राम देवांगन एवं कांशीराम धु्रुव ने किया।
हड़ताल स्थगित
इस बीच इन दैवेभो ने कर्मियों ने अपनी हड़ताल स्थगित कर दी है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों से तीन महीने में कार्रवाई का आश्वासन दिए जाने के बाद स्थगित की गई है।