कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव 24 सितंबर। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव व आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत जिले के प्रभारी केंद्रीय सचिव विकासशील द्वारा दहिकोंगा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में बने अटल टिंकरिंग लैब का निरीक्षण किया। जहां पर स्कूली बच्चों ने थ्रीडी प्रिंटिंग के द्वारा गणेश प्रतिमा व मशीन के पार्ट्स निर्माण को देखकर छात्रों से इसके संबंध में जानकारी ली।
जहां 12वीं के छात्र हर्ष धु्रव द्वारा उन्हें जानकारी देते हुए बताया कि, इस लैब में आंखों से ना देख पाने वाले लोगों के लिए अल्ट्रासोनिक तकनीक पर आधारित वाकिंग स्टिक, नाइट डिटेक्टर, ड्रोन, वुड कार्विंग मशीन बनाई गई हैं। इन सभी मशीनों के माध्यम से बच्चे नवीन तकनीकी के संबंध में जान पा रहे हैं। इस अवसर पर मास्टर ट्रेनर द्वारा बताया गया कि, अटल टिंकरिंग लैब के बनने से बच्चों में काफी उत्साह देखा गया है, जो बच्चे स्कूल आने में कतराते थे, वह लैब में काम करने हेतु प्रतिदिन स्कूल आने के लिए उत्साहित रहते हैं। इसके माध्यम से बच्चे नवीन तकनीक और जानकारियों को प्राप्त कर रहे हैं। सचिव ने बच्चों के द्वारा किये जा रह,े नवाचारी तकनीकों के प्रयोग को देख कर हर्ष व्यक्त करते हुए बच्चों को ऐसे ही नवाचारी तकनीकों को सिखाने हेतु प्रोत्साहित करते हुए ट्रेनरों को भी अच्छे कार्य हेतु प्रोत्साहित किया।
कलेक्टर दीपक सोनी ने बताया कि, जिले में इस प्रकार के 12 अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना की गई है। जिसमें बच्चों द्वारा मास्टर ट्रेनर की सहायता से नवीन तकनीकों की जानकारी प्राप्त की जा रही है। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ प्रेम प्रकाश शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी अशोक पटेल, जनपद पंचायत सीईओ भूपेंद्र जोशी, डीएमसी महेंद्र पांडे, सीएमएचओ डॉ टीआर कुँवर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहें।
दहिकोंगा विद्यालय में 20 से 24 सितंबर तक आयोजित भारत स्काउट्स व गाइड्स के तृतीय सोपान निपुण प्रशिक्षण सह जांच शिविर में शामिल हुए। जहां उन्होंने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि, स्काउट गाइड हमें समाज के लिए बेहतर कार्य की शिक्षा देने के साथ एक बेहतर समाज के निर्माण में मदद करता है। हम सभी को इन गतिविधियों में शामिल अवश्य होना चाहिए जिससे हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। जिन्हें हम जीवन के अन्य आयामों में उपयोग कर सकेंगे। स्काउट गाइड से हमें आध्यात्मिक सामाजिक और बौद्धिक रूप से विकसित होने में मदद कर व लोगों के अंदर सेवा भाव भी जागृत करता है। इस शिविर में जिले के 305 बच्चों ने हिस्सा लिया था, उल्लेखनीय है कि, जिले के 52 बच्चों को राज्यपाल पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।