बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदा बाजार, 25 सितंबर। वन मंडल के लवन रेंज का पाड़ादाह-बल्दाकछार के बीच बना पुल कभी भी ढह सकता है। वनांचल के ग्रामीणों ने वन विभाग सहित विधायक से जल्द पुल निर्माण की मांग की है।
मिली जानकारी के अनुसार तकरीबन 10 से 15 वर्ष पहले पाडा़दाह से बल्दाकछार की ओर वन विभाग ने लाखों की लागत से डब्ल्यूबीएम सडक़ का निर्माण कराया था जिसमें कुछ जगह पुल का भी निर्माण कराया गया था लेकिन बनने के बाद विभाग ने सडक़ की मरम्मत नाममात्र की कराई इसके अलावा पाड़ादाह से समीप पुल आज वर्षों से सहारे के माध्यम से टिका हुआ है जो कभी भी ढह सकता लेकिन ग्रामीणों की शिकायतें के बावजूद वन विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की।
ग्रामीण खुद डालते हैं मुरूम
वनांचल के ग्रामीणों ने बताया कि बरसात या बाढ़ के समय उनके द्वारा उक्त पुल में खुद मुरूम या दर्रा डालकर पुल पर चलने लायक बनाते हैं इसके कारण उक्त पुल में आवागमन हो पाता है साथ ही बरसात के समय पुल पर पानी चढऩे के कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है यही मार्ग बार नयापारा अभ्यारण क्षेत्र के लिए भी सीधा एकमात्र रास्ता है जो वन्य प्राणियों के दीदार करने बाहर पहुंचते हैं लेकिन जर्जर हालत में होने के कारण या कभी भी ढह सकता है
स्टीमेट बनाता हूं
ए.के. व्यास एसडीओ बलौदाबाजार का कहना है -आप के माध्यम से जानकारी मिली है मैं रेंजर को बोलकर स्टीमेट बनाने को कहता हूं।
शिकायत के बाद भी पुल नहीं
ग्रामीण निकलेश कुमार निषाद का कहना है-पाड़ादाह से बल्दाकछार हम लोग का मुख्य मार्ग है लेकिन लगातार शिकायत के बावजूद पुल नहीं बन रहा है
आने-जाने में परेशानी
ग्रामीण गौतम कुमारने कहा-बाढ़ के समय ग्रामीणों को आने जाने में परेशानी होती है इसमें मुरूम हम लोग ही डालते हैं 15 वर्षों से अधिक हो गया भूल को बने लेकिन अब टूट आने के बाद भी वन विभाग नहीं बना रहा है।
बरसात में आवागमन हो जाता है बंद
जानकारी के अनुसार पाड़ादाह से बल्दाकछार की ओर बनी सडक़ वनांचल के लगभग 25 ग्रामों को जोडऩे के साथ विकासखंड मुख्यालय कसडोल और जिला मुख्यालय बलौदा बाजार को जोड़ता है लेकिन इस मार्ग में बना पुल को कभी भी टूट जाने पर एकमात्र सडक़ का संपर्क लगभग 25 ग्रामों से टूट जाएगा
गौरतलब है कि इसी मार्ग से एंबुलेंस के अलावा चार पहिया वाहन भी गुजरते हैं जो काफी सावधानी से वाहनों को गुजारा जाता है लेकिन बरसात के दिनों यह मार्ग अवरुद्ध हो जाता है क्योंकि सहारे से टीका पुल पर से 2 से 3 फीट पानी चलते रहता है जिससे ग्रामीणों को काफी समस्या होती है। वनांचल के ग्रामीणों ने वन विभाग सहित विधायक से जल्द पुल निर्माण की मांग की है।