राजनांदगांव

पीएम आवास हितग्राही सूदखोरों से परेशान
26-Sep-2022 3:53 PM
पीएम आवास हितग्राही सूदखोरों से परेशान

अफसरों की लापरवाही से आशियाना अधूरा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 26 सितंबर।
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत पक्का मकान का सपना देख रहे छुईखदान विकासखंड के हितग्राही अपना आशियाना को तोड़ दिया, क्योंकि कुछ दिन बाद लोगों के खाते में पहली किस्त आई। उसके बाद राशि आई ही नहीं।

बताया जा रहा है कि पीएम आवास योजना के तहत हितग्राहियों को 4 किस्त में मिलने वाली सहायता राशि रोक दी गई है। कुछ हितग्राही को तीसरा किस्त मिला। यही कारण है लोग आधे-अधूरे घरों को बनाकर ही रह गए हैं। योजना का पूरे ब्लॉक में हाल-बेहाल है। योजना के तहत बनाए जा रहे मकान किस्त के अभाव में अधूरे पड़े हुए हैं। आगे निर्माण कार्य ठप हो गया है। आधे-अधूरे मकान खंडहर में तब्दील होने लगा है।

ब्लॉक में लगभग एक हजार से अधिक ऐसे मकान हैं। जिनके मकान पूरे हो चुके हैं। वर्ष 2017 में संबलपुर के रूखमणी व शत्रुहन का मकान तैयार होकर निवास करने लगे हैं, लेकिन उनको भी अभी तक केवल एक ही किस्त मिला है। लोगों का कहना है कि शासन-प्रशासन द्वारा किस्त की राशि नहीं मिल रही है। जिसके चलते वे अपने सपने के घरों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं।

ज्ञात हो कि पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 में आवास स्वीकृत किया गया था, लेकिन आवास योजना में हितग्राही द्वारा राशि का दुरूपयोग एवं आवास बनाने में रूचि नहीं लेने की अवहेलना किया जा रहा है। इस संबंध में नोटिस ब्लॉक के 476 हितग्राहियों को एसडीएम गंडई सुनील शर्मा द्वारा नोटिस दिए जाने की जानकारी होने पर क्षेत्र के किसान नेता व जिला किसान मोर्चा के महामंत्री खम्हन ताम्रकार ने ग्राम लिमो, चकनार, संबलपुर, देवपुरा सहित अन्य गांव में पहुंचकर हितग्राहियों से मुलाकात की। उन्होंने देखा कि हितग्राही द्वारा 25 हजार और 70 हजार रुपए से अधिक का निर्माण हितग्राही द्वारा किया गया है। शासन द्वारा मिलने वाले आवास किस्त मिलने के बाद आगे का निर्माण किया जाएगा। कोरोनाकाल के समय स्वीकृत आवास निर्माण को उस समय संपन्न परिवारों द्वारा कराया गया था, लेकिन गरीब हितग्राही, किसान, मजदूर वर्ग के लोग अब तक शासन द्वारा मिलने वाले राशि की आस लगाए बैठे हैं। विगत दो साल से मकान की दीवार खड़ा हुआ है, जो आज तक अधूरा पड़ा हुआ है।

मिली जानकारी के अनुसार आवास निर्माण का किस्त प्रथम 25 हजार, द्वितीय 45, तृतीय 45 और चतुर्थ किस्त 15 हजार रुपए क्रमवार मिलता है। पिछले 3 वर्ष से ब्लॉक सहित पूरे प्रदेश में आवास स्वीकृत नहीं हुआ था। वर्ष 2019 में जो आवास स्वीकृत हुआ है, उसमें हितग्राही को आवास योजना का किस्त अपूर्ण है। वर्ष 2019-20 में पूरे ब्लॉक में स्वीकृत 2237 मकान में से 476 हितग्राही को नोटिस जारी किया गया है। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार से जारी 8 लाख आवास योजना को छग सरकार द्वारा अपना अंशदान राशि जमा नहीं करने पर वापस भेजा गया है। इस आवास योजना में 60 प्रतिशत केंद्र सरकार और 40 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा अंशदान दिया जाता है।

किस्त आना हुआ बंद
ग्रामीणों का कहना है कि उसने तीन से चार साल पहले पीएम आवास योजना के तहत निर्माण शुरू किया था, लेकिन अब छत ढलाई की बारी आई तो किस्त आना बंद हो गया है। ऐसे में हितग्राही उधार लेकर घर बनवाया है, लेकिन किस्त न आने के कारण कर्ज देने वाले भी घर आकर बुरा-भला कहने लगे हैं।

छुईखदान सीईओ शैलेष भगत ने कहा कि लंबे समय से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाली राशि का आबंटन नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण राशि संबंधित हितग्राही को जारी नहीं हो पा रहा है। राज्य नोडल के द्वारा खाते में आबंटन मिलता है, वह नहीं मिल पा रहा है। जानकारी उच्चाधिकारी को दिया जा चुका है।

इधर जिला भाजपा महामंत्री खम्हन ताम्रकार ने कहा कि केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी  योजना का क्रियान्वयन में राज्य सरकार ग्रहण लगा रही है। जिसके मकान 2017 से पूर्ण हो चुका है, उसे अंतिम किस्त दिलाने के बजाय किस्त के अभाव में आधे-अधूरे निर्माण किए हितग्राहियों को अधिकारी द्वारा आवास निर्माण में ढलाई कार्य पूरा नहीं किए जाने की चेतावनी देते अंतिम नोटिस देकर मानसिक टेंशन दिया जा रहा है, जो न्यायसंगत नहीं है।
 

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