कोरिया
शिकायत के बाद नौकरी से हटाने की धमकी के साथ समझौते के लिए भारी दबाव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 27 सितम्बर। कोरोना काल में अपनी जान की बाजी लगाकर सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले सफाई कर्मचारियों की गाढ़ी मेहनत की कमाई पर कुछ लोगों ने बेखौफ होकर डाका डाला। सफाई कर्मचारियों को जब इस बात की जानकारी हुई तो एक महिला सफाईकर्मी ने साहस जुटाकर नामजद शिकायत की, जिसके बाद अब उसे जहां नौकरी से हटाने की धमकी दी जा रही है, वहीं समझौते के लिए भी उस पर भारी दबाव बनाया जा रहा है।
दरअसल मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कोरिया की ओर से 11 जुलाई 2019 को जिले के सभी खण्ड चिकित्साधिकारियों को वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट पूर्ति मांग संख्या 41 आवासीय क्षेत्र उपयोजना के अंतर्गत सफाई व्यवस्था में राशि आवंटन के संबंध में एक पत्र जारी किया गया है जिसमें प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 3 व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 1 सफाईकर्मी प्रतिमाह 7 हजार 500 रूपए नियमानुसार अस्थाई तौर पर रखे जाने के संबंध में दर्शाया गया है, लेकिन उक्त राशि को किसी अन्य के खाते में डालकर बकायदा बैंक से राशि आहरित कर सफाई कर्मचारियों की मेहनत की कमाई लूटी गई है।
इसका खुलासा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बंजी में वर्ष 2016 से जीवनदीप समिति से रखी गई महिला सफाई कर्मचारी लीलावती पति अरविंद बैगा ने किया है। मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर कलेक्टर पीएस धु्रव को सौंपे लिखित शिकायती पत्र में लीलावती ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बंजी में पदस्थ प्रभारी कामिनी रौतिया खान के द्वारा उससे उसकी चचेरी सास शनिचरी बैगा का बैंक खाता मांगकर उसमें प्रतिमाह 7 हजार 500 रूपए भेजा जाता रहा और जैसे ही खाते में वेतन आता प्रभारी के द्वारा उसे और उसकी सास को अपने साथ सेंट्रल बैंक शाखा नार्थ झगराखंड ले जाकर फॉर्म भरकर फॉर्म पर सास शनिचरी का अंगूठा लगवाकर पैसा निकलवाया गया और सास को कभी 200 तो कभी 500 रूपए देने के बाद पूरी राशि यह कहते हुए अपने पास रख ली गई कि यह पैसा सर का है।
न्याय के लिए 2 जिला कलेक्टर से गुहार
लीलावती ने बताया कि इस संबंध में ग्राम पंचायत बंजी की सरपंच सुमित्रा, पंच मानकुंवर, रामदीन, देवव्रत सिंह एव दलबीर सिंह के द्वारा 2 अगस्त 2022 को कलेक्टर कोरिया को सफाई कर्मी शनिचरी बैगा पति संतु बैगा के नाम से राशि आहरण किए जाने के संंबंध में लिखित शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। लीलावती ने कहा कि इस बीच एमसीबी कलेक्टर 21 सितंबर 2022 को जब ग्राम बंजी आए तो उसके द्वारा सरपंच द्वारा कलेक्टर कोरिया को की गई शिकायत की कॉपी उन्हें सौंपकर उनसे भी न्याय की गुहार लगाई गई।
जांच टीम ने समझौते के लिए बनाया दबाव
लीलावती ने कहा कि 21 सितंबर को एमसीबी कलेक्टर से शिकायत के 2 दिन बाद 23 सितंबर को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बंजी की प्रभारी कामिनी रौतिया खान ने फोन कर उसे अस्पताल बुलवाया, जहां कुछ लोग उसके द्वारा की गई शिकायत के संबंध में जांच के लिए आए।
उसने कहा कि जांच के लिए पहुंची टीम में पाराडोल से प्रेम, मनेंद्रगढ़ से मंडल, बीपीएम तथा साथ में 1-2 लोग और भी शामिल थे, जिन्हें वह पहचानती है। लीलावती ने कहा कि जांच में पहुंचे बीपीएम ने उससे कहा कि वह क्या चाहती है, इस पर उसने प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इसके बाद जांच में बीपीएम, मंडल व अन्य सभी यह कहते हुए उस पर समझौते के लिए दबाव बनाने लगे कि एक ही जगह काम करना है। मैडम पर कार्रवाई होगी तो वह भी फंसेगी और उसे काम से निकाल दिया जाएगा। लीलावती ने कहा कि इस बीच वह उठकर अपने घर चली गई और समझौते के लिए बनाए जा रहे दबाव से तंग आकर करीब 2 से 3 घंटे तक अपने घर से दूर रही। इस बीच अस्पताल से कुछ लोग उसे बुलाने के लिए कई बार उसके घर पहुंचे थे।
अन्य विभाग से जांच कराए जाने की मांग
शिकायतकर्ता लीलावती ने कलेक्टर से उसके द्वारा की गई शिकायत की जांच स्वास्थ्य विभाग से अलग किसी अन्य विभाग से टीम गठित कर पारदर्शितापूर्ण तरीके से कराए जाने तथा जांच में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई किए जाने की मांग की है। उसने कहा कि कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डालकर उसके द्वारा अपने दायित्वों का निर्वहन किया गया है, लेकिन उसकी गाढ़ी मेहनत की कमाई पर डाका डालने वालों पर कार्रवाई की बजाय कुछ लोगों के द्वारा उसे बचाने की नापाक कोशिश की जा रही है।
पैसा जमा करने और निकालने में जिसके खाते का इस्तेमाल हुआ उसने भी शिकायत की
इधर मनेंद्रगढ़ तहसील अंतर्गत ग्राम बंजी निवासी लीलावती की चचेरी सास शनिचरी बैगा ने भी एमसीबी कलेक्टर को उसके बैंक खाता में फर्जी तरीके से पैसा जमा करने और आहरण के बाद उक्त राशि का बंदरबाट किए जाने के संबंध में शिकायत पत्र सौंपा है।
उसने कहा कि जब भी उसके खाता में पैसा आता रहा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बंजी की ग्रामीण चिकित्सा सहायक प्रभारी कामिनी रौतिया खान के द्वारा उसे बैंक ले जाकर उसका अंगूठा लगवाकर पैसा निकलवाया गया है।
उसने कहा कि अब प्रभारी के द्वारा स्वयं को जांच और कार्रवाई से बचाने के लिए उस पर अस्पताल में एक टाइम काम करने और हाजिरी रजिस्टर में अंगूठा लगाने के लिए उस पर दबाव बनाया जा रहा है।
शिकायतकर्ता शनिचरी बैगा ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बंजी में सफाईकर्मी के रूप में वह कभी पदस्थ नहीं रही है और न ही कभी अस्पताल में काम करने गई है। बावजूद इसके उसके बैंक खाता में हर माह साढ़े 7 हजार रूपए भेजकर फॉर्म में उसका अंगूठा लगवाकर पैसा निकलवाया गया है और बाद में उक्त राशि की बंदरबाट की गई है।