बालोद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 28 सितंबर। अक्सर कार्यालयों में हम लोगों को जाति सर्टिफिकेट शिक्षण सर्टिफिकेट सहित अन्य ऐसे सर्टिफिकेट के लिए आवेदन लगाते देखते हैं, जिनकी जरूरत लोगों को शिक्षा से लेकर आरक्षण व्यवसाय से लेकर शिक्षा और स्कूल से लेकर मतदान तक पड़ती है, परंतु एक बालोद जिले के व्यक्ति ने आज अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय पहुंच कर उसने नो कास्ट नो रिलिजन सर्टिफिकेट मांगा। इसे देखकर एसडीएम भी हतप्रभ रह गए।
उल्लेखनीय है कि दक्षिण भारत में काफ़ी पहले एक महिला ऐसा प्रमाणपत्र पा चुकी है।
पढ़ा-लिखा है युवक
दरअसल बालोद जिले के ग्राम बोरी पोस्ट खपरी के निवासी केवल राम उम्र 26 वर्ष इसने कक्षा बारहवीं के साथ-साथ औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान एवं पॉलिटेक्निक के भी पढ़ाई की है। उसकी सोच यह है कि सिस्टम में जितने भी प्रमाण पत्र मिलते हैं वह किसी मतलब के नहीं हैं।
आरक्षण नहीं मेहनत पर युवा करें भरोसा
इस युवक ने बताया कि आरक्षण पर युवा भरोसा करते हैं तो मेहनत कहीं ना कहीं पीछे छूट जाती है इसलिए हमें खुद के मेहनत पर विश्वास करना चाहिए और आरक्षण जैसे सर्टिफिकेट केवल लोगों को पीछे धकेलने का कार्य करते हैं।
सर्व धर्म में आस्था पर न हो हिंदू मुस्लिम
युवक ने कहा कि सभी धर्मों में मेरी आस्था है और मैं किसी धर्म का नहीं हूं। उन्होंने कहा कि ना मैं आस्तिक हूं ना मैं नास्तिक हूं परंतु क्यों सिस्टम ने ऐसा बनाया है कि हम किसी धर्म के बंधन में रहते हैं भारत में या छत्तीसगढ़ में आधे से ज्यादा तनाव जाती और धर्म के नाम पर होता है।
भारतीय हैं और रहेंगे
युवक ने कहा कि मैं किसी धर्म जाति को नहीं मानता मैं एक भारतीय हूं और इसलिए मैं यह सर्टिफिकेट मांगने के लिए आया हूं क्यों हम किसी धर्म समाज के बंधनों में बनते रहे हमारा राष्ट्र प्रेम ही हमें भारतीय होने का सर्टिफिकेट दिलाती है उसने कहा कि मैं भारतीय हूं और मुझे जो सर्टिफिकेट में मांग रहा हूं कृपया शासन व प्रशासन उसे दे दे।
युवक आज एसडीएम कार्यालय पहुंचा हुआ था, इससे पहले इसने भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री के समक्ष भी अपनी मांग को रख चुके हैं। युवक का कहना है कि मैं भारतीय के रूप में जीवन यापन करना चाहता हूं।