जशपुर

जशपुर में पर्यटन को ऊंचाईयों तक ले जाने का है संकल्प-मिंज
28-Sep-2022 5:21 PM
जशपुर में पर्यटन को ऊंचाईयों तक ले जाने का है संकल्प-मिंज

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जशपुरनगर, 28 सितंबर।
संसदीय सचिव यू. डी. मिंज ने 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।

संसदीय सचिव ने कहा है कि छत्तीसगढ़ पर्यटन की संभावनाओं से परिपूर्ण राज्य है। जहां प्राकृतिक सौंदर्य के मनोरम स्थलों के साथ धार्मिक और पौराणिक, आध्यात्मिक, ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्व के अनेक स्थल हैं। नदियां, झरने, जल प्रपात, सघन वनों से आच्छादित पर्यटन स्थल बरबस ही पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। 

छत्तीसगढ़ के अनेक स्थल हमारी प्राचीन पौराणिक और सांस्कृतिक विरासत से जुड़े हुए हैं। राज्य सरकार का पूरा ध्यान यहां के पर्यटन को विकसित करने की ओर केंद्रित है।

उन्होंने कहा है कि जशपुर की तुलना स्कॉटलैंड, कश्मीर और शिमला से करते हुए लगातार इको टुरिज्म, एडवेंचर टुरिज्म एग्रो टुरिज्म को बढ़ावा देने क़े लिये हम प्रयासरत है। अनेको बार प्रदेश क़े यशस्वी मुख्यमंत्री से ग्रीन एवं पर्यटन जिला घोषित करने की माँग किये है 

कुनकुरी के विधायक एवं संसदीय सचिव ने कहा- मंै शुरू से पर्यावरण को बचाने के साथ इस जिले के पर्यटन को बढ़ावा देने का पक्षधर रहा हूँ इसके लिये लगातार प्रयास कर रहा हुँ, हमारे मुख्यमंत्री आदरणीय भूपेश बघेल जी तक तरह तरह से बात पहुँचाने का प्रयास किया हूँ जशपुर जिले की जैव विविधता के बारे में बता कर इस ग्रीन जिला घोषित करने की दिशा में काम किया हूँ।

संसदीय सचिव मिंज नें कहा कि बार बार यहाँ की विशिष्ट जलवायु के बारे बात करता हूँ बताता हूं.पूरे देश में यहाँ की जो जैव विविधता है वह और कहीं नहीं मिलती, पूरे मध्यभारत में तो इकलौता जिला है जो जैव विविधता से समृद्ध है.यहाँ तीन प्रकार की जलवायु मिलती है.जशपुर का तापमान 0 से 45 डिग्री तक का है दार्जलिंग और हिमालय के मौसम जैसा है. हम यहां चाय, कॉफ़ी, स्ट्राबेरी, नासपाती, संतरा, अंगूर, कटहल, पुटकेल, मिर्ची, आम, काजू, महुआ, जामुन, चिरौंजी, सरई की खेती को बढ़ावा दे रहे हैं हम इको टूरिज्म, एग्रो टूरिज्म, नेचर टूरिज्म को बढ़ावा देना चाहते हैं इको इंडस्ट्रीज का हम दिल खोल कर स्वागत करते हैं।

जशपुर जिले में कैलाश गुफा, खुडिय़ा रानी,कोतेबिरा, शरादा धाम, सोगड़ा आश्रम कुनकुरी चर्च, मलंग शाह बाबा मजार, किलकिला धाम, मधेश्वर पहाड़, बूढ़ा पहाड़ जैसे पर्यटनऔर आध्यात्मिक केंद्र है, दनगिरी मकरभजा रानीदाह, दमेरा, चिरचिरी जैसे प्राकृतिक जलप्रपात है. देशदेखा, लोरो घाट, रौनी पंडरापाठ,मायाली में प्राकृतिक दृश्य है. ईब मैनी लावा श्री नदी बाकी नदी है ऊँचे ऊँचे पहाड़ है. क्या नहीं है जशपुर में, सबसे अनोखा जिला है जशपुर जो जैव विविधताओं से समृद्ध हैयहाँ पर्यटन के के लिए सबकुछ अनुकूल है 

उन्होंने कहा कि जशपुर का मौसम हिमालय के तराई की तरह है यहाँ कैलाश गुफा में वनस्पतियां हिमालय की वनस्पतियों से कम नही है यहाँ बहने वाली अल्कानंद नदी का पानी गंगा नदी के पानी से किसी भी रूप में कम नही है यह वैज्ञानिकों ने स्पष्ट किया है

जशपुर के जंगल में हाथी समेत कई महत्वपूर्ण जंगली जानवर जैसे कोटरी, जंगली सुकर, भालू, जंगली बिल्ली, खरगोश सहित अन्य वन्य जीवों का बसेरा है जहां पुरातात्विक  महत्वपूर्ण धरोहरें हैं, जिनका संरक्षण के प्रयास होने चाहिए।
उन्होंने कहा कि हम रोजगार के नए आयाम गढऩे को तैयार हैं इको टूरिज्म, एडवेंचर टुरिज्म रोजगार का एक बड़ा साधन बने इसके लिए हम पर्यटन सहित अन्य विभागों से लगातार वार्तालाप कर रहे हैं मुख्यमंत्री जी भी मेरी मंशा से अवगत है इसकी घोषणा से जशपुर का युवा रोजगार से जुड़ सकेगा।

 

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