बेमेतरा

आदिवासी छात्र को पात्र होने के बाद भी नहीं दिया कॉलेज में प्रवेश
29-Sep-2022 7:20 PM
आदिवासी छात्र को पात्र होने के बाद भी नहीं दिया कॉलेज में प्रवेश

प्राचार्य व प्रवेश प्रभारी पर कार्रवाई की मांग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बेमेतरा, 29 सितंबर। छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज जिला द्वारा कलेक्टर जितेन्द्र कुमार शुक्ला से पीडि़त देवी प्रसाद चौबे शासकीय महाविद्यालय साजा के प्राचार्य डॉ. आईपी दिनकर एवं प्रवेश प्रभारी डॉ. विजयलक्ष्मी देवांगन के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।

उनका आरोप है कि पात्र होने के बाद भी छात्र को कॉलेज में प्रवेश नही दिया गया और दोनों अधिकारियों द्वारा आदिवासी छात्र के साथ भविष्य खराब करने की नीयत से एवं मानसिक रूप से प्रताडि़त करने का प्रयास किया गया। मामले पर प्राचार्य और प्रवेश प्रभारी पर शीघ्र कार्रवाई की मांग की गई है, और  कार्यवाही नही होने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी गई है। 

आदिवासी सर्व समाज बेमेतरा जिला अध्यक्ष मूरित राम मंडावी का कहना है कि देवीलाल ठाकुर ग्राम सिंघनपुरी का निवासी है, उनका आवेदन पत्र सर्व आदिवासी समाज को प्राप्त हुआ है कि आवेदक द्वारा उक्त महाविद्यालय में एमए अर्थशास्त्र प्रवेश हेतु समय अवधि में आवेदन किया जा चुका था तथा प्रवेश हेतु प्रथम सूची महाविद्यालय द्वारा जारी किए गए सूची में आवेदक का नाम भी था।

आवेदक के साथ तहसील साजा के समाज प्रमुखों द्वारा भी उक्त महाविद्यालय के प्राचार्य से निवेदन भी किया गया कि गरीब छात्र को प्रवेश ले लिया जाय किंतु दिनभर टाल-मटोल करने के बाद अंत मे प्राचार्य के द्वारा समाज प्रमुखों से कहा गया कि सीट फूल हो गया है, अब प्रवेश दिया जाना संभव नहीं है।

प्रवेश के लिए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आईपी दिनकर एवं प्रवेश प्रभारी डॉ. विजयलक्ष्मी देवांगन से संपर्क करने पर बताया कि आवेदक का अनुसूचित जनजाति होने का प्रमाण-पत्र संलग्न नही होने के कारण प्रवेश दिया जाना संभव नही था। प्रवेश की अंतिम तिथि 10 सितंबर थी। इस पर छात्र ने बताया कि अस्थाई जाती प्रमाण-पत्र बनवाकर 9 सितंबर को दोनों अधिकारियों से संपर्क किया गया तो उन्होंने सीट फूल होने का हवाला दिया जबकि प्रवेश की अंतिम तिथि 1 दिन बाकी था।

आईपी दिनकर प्राचार्य पंडित देवी प्रसाद चौबे शासकीय महाविद्यालय साजा के प्राचार्य ने बताया कि प्रवेश के लिए महाविद्यालय द्वारा जारी किए गए सूची में आवेदक का नाम था , किंतु जाति प्रमाण-पत्र उनके द्वारा संलग्न नही किया गया था, जिनके अभाव में वे जनरल में आ गया। छानबीन के समय मे जाति प्रमाण-पत्र लगाने उन्हें कहा गया और समय भी दिया गया पर उन्होंने नही है करके नही लगाया। छात्र जानबूझकर कर अपना कमजोरी छुपाकर उसे राजनीतिक माहौल दे रहा है।

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