रायपुर

आयकर कमिश्नरी एमपी-सीजी के विभाजन की तैयारी, विदर्भ में होगा शामिल, अधिकारी-कर्मचारी उतरे विरोध में
30-Sep-2022 2:49 PM
आयकर कमिश्नरी एमपी-सीजी के  विभाजन की तैयारी, विदर्भ में होगा शामिल, अधिकारी-कर्मचारी उतरे विरोध में

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 सितंबर।
आयकर विभाग इन दिनों अपने देशभर के कमिश्नरेट्स का पुनर्गठन की प्रक्रिया में जुटा हुआ है। इसके तहत छत्तीसगढ़ कमिश्नरेट को मप्र से विभाजित कर महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में शामिल किए जाने का प्रस्ताव है। इसका एमपी-सीजी कमिश्नरेट के अधिकारी-कर्मचारी विरोध कर रहे हैं।

आयकर सूत्रों के मुताबिक ऐसा, विदर्भ क्षेत्र में आयकर संग्रह के लक्ष्य में आई गिरावट और छत्तीसगढ़ में हुई वृद्धि को देखते हुए किया जा रहा है ताकि विदर्भ के कर राजस्व में छत्तीसगढ़ में हुई वृद्धि को देखते हुए किया जा रहा है ताकि विदर्भ के कर राजस्व में छत्तीसगढ़ की हिस्सेदारी को शामिल कर जस्टीफाय किया जा सके। विदर्भ और एमपीसीजी कमिश्नरी के पुनर्गठन का यह प्रस्ताव विशुद्ध रूप से राजनीतिक बताया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ एनडीए के किसी भी सांसद या केन्द्रीय मंत्री को इसकी भनक तक नहीं है। सूत्रों ने बताया कि चालू वर्ष के लिए छत्तीसगढ़ कमिश्नरेट का टैक्स रेवेन्यू टारगेट 10367 करोड़ है जो देश के किसी अन्य कमिश्नरेट से कहीं अधिक है। इसमें से अब तक 30 फीसदी से अधिक हासिल कर लिया गया है। वहीं छत्तीसगढ़ से छोटे विदर्भ (नागपुर) कमिश्नरेट का लक्ष्य 85 सौ करोड़ रूपए है। उधर गुवाहाटी कमिश्नरेट का 7927, पटना (बिहार-झारखंड) कमिश्नरेट को लक्ष्य 14418 करोड़ का दिया गया है। इन कमिश्नरेट्स में अमला भी छत्तीसगढ़ से दुगुना, चौगुना तक है। कम स्टॉफ के साथ छत्तीसगढ़ कमिश्नरेट ने साल दर साल, कर लक्ष्य में वृद्धि दर्ज की है। समझा जा रहा है कि विदर्भ को मजबूरी देने के इरादे से छत्तीसगढ़ को मर्ज किया जा रहा है। इस पुनर्गठन की प्रक्रिया में आंध्र से अलग हुए तेलंगाना के लिए पृथक कमिश्नरेट दिया जा रहा है। जबकि छत्तीसगढ़ को 2013 से एमपी से अलग कर पृथक-स्वतंत्र कमिश्नरेट की मांग लंबित है।

आयकर महानिदेशालय और वित्त विभाग की इस प्रक्रिया का विरोध भी तेज हो गया है। आयकर अधिकारियों ने बुधवार को रायपुर में बैठक कर विदर्भ में मर्जिंग के प्रस्ताव को खारिज किया है। वहीं आयकर कर्मचारी फेडरेशन ने अपने दिल्ली स्थित अभा महासचिव को पत्र लिखकर, डीजी इंकम टैक्स, चेयरमैन सीबीडीटी और वित्त मंत्री के समक्ष विरोध दर्ज कराया है। इधर छत्तीसगढ़ के नेताओं ने सीएम भूपेश बघेल और पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह से भी चर्चा के लिए समय मांगा है।

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