धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 30 सितंबर। पशु मालिक द्वारा अपने पालित पशुओं को लावारिस छोडऩे, बीमार पशु का उपचार नहीं कराने जैसे कृत्य किए जाने पर पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11 (ज), (झ), (ञ) के तहत दंडनीय अपराध है और ऐसे कृत्य करने वालों के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
उप संचालक पशु चिकित्सा सेवा ने बताया कि मुख्य ग्राम योजना धमतरी मुजगहन में दुर्घटनाग्रस्त गाय को कार्यालय खुलने के पहले अज्ञात व्यक्ति द्वारा छोड़ दिया था।
कार्यालय खुलते ही उक्त पशु का आवश्यक उपचार किया गया। पशु के कान में पहचान के लिए लगाए गए टैग नंबर के आधार पर इनाफ पोर्टल से संबंधित पशु मालिक की पहचान कर पशु को अपने घर ले जाने हेतु आग्रह किया गया, जिसे नजरअंदाज करते हुए उनके द्वारा नहीं ले जाया गया। गाय का उपचार के बाद चारा, भूसा, पानी की व्यवस्था कर खिलाया गया। उक्त पशु को 27 सितम्बर को कार्यालय खुलने के पूर्व मृत पाया गया, जिसका नगर निगम धमतरी के सहयोग से उचित स्थान में निष्पादन किया गया।
उन्होंने बताया कि पशु मालिक द्वारा पशु को लावारिस छोडऩा, बीमा पशु का उपचार नहीं कराना, पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11 (ज), (झ), (ञ) के तहत दंडनीय है। उक्त कृत्य को दृष्टिगत करते हुए पशु मालिक के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही के लिए थाना प्रभारी सिटी कोतवाली धमतरी को पत्र लिखा गया है। साथ ही उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं ने पशुपालकों से यह अपील की है कि वे अपने पालित पशुओं की बेहतर ढंग से देखरेख, उपचार करें और उन्हें दयनीय अवस्था में ना छोड़ें।