दुर्ग
दुर्ग, 1 अक्टूबर। जिले का पहला जैविक सी-मार्ट दुर्ग में शीघ्र आरंभ होने वाला है। इसकी तैयारियों के संबंध में कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने बैठक ली। बैठक में कलेक्टर ने कृषि और उद्यानिकी अधिकारियों के साथ बैठकर जैविक सी.मार्ट के प्लान पर विस्तृत समीक्षा की। इस मौके पर जिला पंचायत सीईओ अश्विनी देवांगन भी उपस्थित थे। कलेक्टर ने कहा कि हमारे पास अभी 114 जैविक बाडिय़ां हैं जिनमें जैविक फल सब्जी का उत्पादन हो रहा है। इनमें जैविक खाद का प्रयोग करने के निर्देश दिये गये हैं तथा समय समय पर अधिकारी इसकी मानिटरिंग करेंगे। जिले में 1200 सटिर्फाइट किसान हैं जो जैविक खेती कर रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा जैविक खेती को बढ़ावा देने के बाद अनेक किसान इस ओर आये हैं और इनके सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया तेजी से चल रही हैं। जैविक सी-मार्ट के आरंभ हो जाने के पश्चात इन्हें अपनी उपज का उचित मूल्य मिल सकेगा।
कलेक्टर ने कहा कि महानगरों में जैविक खाद्य पदार्थों की बड़ी डिमांड है लेकिन इसके मुताबिक मार्केट नहीं है। हम जैविक सीमार्ट में इसकी उपलब्धता सुनिश्चित कराएंगे। जो सटिर्फाइड उत्पाद हैं उन्हें अलग डिस्प्ले किया जाएगा। जो जैविक उत्पाद हैं लेकिन जिन्होंने सर्टिफिकेशन के लिए आवेदन दिया है अथवा इसकी प्रक्रिया के लिए पात्र हैं उनके उत्पाद भी अलग से डिस्प्ले किया जाएगा।
बैठक में मु य रूप से चर्चा इंवेटरी की हुई। जैविक सीमार्ट में साल भर उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित होए इसके लिए पर्याप्त प्लानिंग जरूरी है। कलेक्टर ने कहा कि इसके लिए हमें अपनी बाड़ी प्रोफेशनल तरीके से तैयार करनी होगी।
तकनीक के माध्यम से भी और प्लानिंग के माध्यम से भी। अभी एक ही बाड़ी में कई तरह की सब्जी ले ली जाती है जबकि अब विशेषज्ञ बाड़ी में मिट्टी की स्थिति और क्लाइमेट के मुताबिक इसे तय करेंगे और एक दो सब्जी की फसल की मिट्टी की तासीर के मुताबिक लेंगे। जिले में इनका निर्धारण करने विशेषज्ञों की समिति रहेगी और बाड़ी स्तर पर सबकमिटी भी। इससे पर्याप्त वैविध्य मिल पाएगा और उत्पादन भी अच्छा हो सकेगा। फसलों के रेट के मुताबिक सीजन वाइस इंवेटरी तैयार होगी। इसकी पैकेजिंग भी खास होगी ताकि प्रसंस्करण की दृष्टि से भी इसे सुरक्षित रखा जा सके।