बिलासपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
करगीरोड ( कोटा), 1 अक्टूबर। कोटा ब्लॉक के राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र माने जाने वाले बैगा आदिवासी करीब 15 साल से जाति प्रमाण पत्र बनवाने भटक रहे हैं।
इस संबंध में कोटा एसडीएम सूरज साहू का कहना है कि मिसल में अलग-अलग जाति लिखी हुई है, इसी कारण नहीं बन पा रहा है।
जाति प्रमाण पत्र बनवाने कोटा ब्लॉक के ग्राम पंचायत लूफा, दारसागर, परसापानी, कुरदर के बैगा आदिवासी युवाओं के द्वारा 16 सितंबर को कोटा एसडीएम कार्यालय में ज्ञापन सौंपने आये हुए थे। युवाओं ने एसडीएम कार्यालय पहुंचकर जाति प्रमाण पत्र के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देकर, मुलाकात करना चाह रहे थे, लेकिन इनकी मुलाकात नहीं हो सकी। अपना आवेदन पत्र को कार्यालय में देकर लौट गये।
गौरतलब है कि बिलासपुर जिले के कलेक्टर और कोटा एसडीएम कार्यालय का चक्कर काटते थक चुके हैं, लेकिन इनकी जाति प्रमाण पत्र 15 साल से ज्यादा समय बीत चुका है लेकिन अभी तक इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। शासकीय सेवा और आरक्षण का लाभ जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने के कारण नहीं मिल रहा है। कई छात्राओं के शासकीय सेवा में चयन होने के बाद भी शासकीय सेवा में आरक्षण का लाभ नहीं मिला है।