रायपुर
अबूझमाड़ से सरगुजा तक के आदिवासी शामिल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 2 अक्टूबर। गांधी जयंती के मौके पर रविवार को राजधानी में आदिवासियों के डेढ़ दर्जन से अधिक सामाजिक संगठनों ने रैली निकाली। इसके लिए कार्यकर्ता सुबह से ही रायपुर के पहुँचने लगे थे । दोपहर कऱीब 2 बजे से ये आदिवासी रैली शुरू हुई।इन संगठनों ने एक पर्चा जारी कर अपने रायपुर आने की वजह बताई है। इसके अनुसार अबूझमाड़ क्षेत्र में आदिवासियों को जबरन विस्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है। इस पर्चे में दावा किया गया है कि सरकार ने बेरहबेड़ा, कचेपाल, मोंहदी, गरपा और कई जगहों पर पुलिस कैंप के लिए सैकड़ों एकड़ ज़मीन ली गई है।और पेड़ों की कटाई भी कर दी गई है। यह सब पेसा का उल्लंघन करते हुए बिना ग्रामसभा की अनुमति के किया गया है। इस पर्चे में कहा गया है कि अबूझमाड़ के इलाक़े में स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में कई गाँवों में असमय मौतें हो रही हैं।
अबूझमाड़ के इलाक़े में मूलभूत सुविधाएँ भी उपलब्ध नहीं हैं। इसमें आगे कहा गया है कि पाँचवीं अनुसूची का इलाक़ा होने के बावजूद माड़ के इलाक़े में बिना ग्राम सभा के ज़मीन ली जा रही है। इसके अलावा वहां पर बिना ग्राम सभा से सहमति लिए खनन का काम भी हो रहा है। आज की रैली में छत्तीसगढ़ के 20 से ज़्यादा आदिवासी संगठन शामिल रहे। इस रैली में बस्तर के अलावा सरगुजा और छत्तीसगढ़ के कई और जि़लों से भी लोग शामिल हुए। इस रैली में छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन, सर्व आदिवासी समाज, हसदेव अरण्य बचाओ आंदोलन और कई और संगठन शामिल हैं. आज की रैली में हसदेव में ज़बरदस्ती पेड़ कटाई और आंदोलन से जुड़े कार्यकर्ताओं को परेशान करने का मामला भी उठेगा।