धमतरी

5 साल में गई 10 लोगों की जान
02-Oct-2022 3:05 PM
5 साल में गई 10 लोगों की जान

कोलियारी-जोरातराई सडक़ बनवाने 18 गांव के ग्रामीण कर लड़ रहे आर-पार की लड़ाई, भारी वाहनों को निकलने नहीं दिया जा रहा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 2 अक्टूबर।
कोलियारी से जोरातराई तक की सडक़ एडीबी के चौथे चरण में स्वीकृत हो गई है, लेकिन बन नहीं रही हैं। इस सडक़ पर बसे गांव के लोगों को धैर्य अब टूट गई है। सडक़ संघर्ष समिति बनाकर आंदोलन शुरू कर दिया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि दिन-रात महानदी से अवैध रूप से रेत खनन और परिवहन के चलते यह सडक़ जर्जर हो गई है। आए दिन सडक़ हादसे में लोग चोटिल हो रहे हैं। इसलिए आर-पार की लड़ाई लड़ रहे है। मांग पूरी होते तक प्रदर्शन जारी रहेगा।

इस सडक़ को बनवाने के लिए दोनों प्रमुख दल कांग्रेस व भाजपा आंदोलन कर चुके हैं। भाजपा शासन काल में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले 2018 में कांग्रेस पदाधिकारियों ने आंदोलन किया। पदयात्रा भी निकाली। कांग्रेस की सरकार आई तो पट्टा बांटने आए सीएम ने 2020 में कोलियारी से जोरातराई तक सडक़ बनाने की स्वीकृति कराने का भरोसा दिया। स्वीकृत कराई। 1 जनवरी 2021 में एडीबी प्रोजेक्ट में शामिल किया। भाजपा युवा मोर्चा ने सडक़ बनवाने के लिए आंदोलन किया। कोलियारी चौक पर चक्का जाम किया।

इन गांव के लोग आंदोलन में शामिल
कोलियारी, कानीडबरी, अमेठी, कलातराई, बंजारी, परसुली, दर्री, खरेंगा, भरारी सारंगपुरी, देवपुर, ढीमर टुकर, नवागांव, दोनर, सेमरा, बारना, सिवनी खुर्द, सिवनी बाजार, जोरातराई, सेलदीप, मंदरौद, झुरा, नवागांव के ग्रामीण आंदोलन में शामिल हुए हैं।

ऐसे चल रहा आंदोलन
27 सितंबर को रात 8.30 बजे से ढीमर टिकुर से सेलदीप तक के लोग दोनर के पास और देवपुर से कोलियारी तक के दर्री के पास भारी वाहनों की निगरानी किए। धरने में उपस्थिति के लिए कार्ययोजना बनाई है। सडक़ समिति के सर्वसम्मति से लिए निर्णय अनुसार प्रत्येक गांव से 3-3 वार्ड से प्रत्येक घर से एक सदस्य धरना स्थल में उपस्थिति देंगे। इसके लिए ग्रामीण जनप्रतिनिधियों और ग्रामीण समिति के कार्यकारणी आवश्यक पहल करेंगे। धरना प्रदर्शन का असर नहीं पड़ा तो सीएम से शिकायत करने जाएंगे।

दिन-रात रेत परिवहन में लगे हाइवा वाहनों के चलते सडक़ में बड़े-बड़े गड्ढे उभर आए हैं। बीते 5 सालों में इस मार्ग में सडक़ हादसे में 10 लोगों की जान चली गई हैं। ग्रामीण हीरेंद्र साहू, हेमंत चंद्राकर, रामखिलावन चन्द्राकर ने कहा कि जब तक जिला प्रशासन इस सडक़ निर्माण की घोषणा नहीं करती, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। एनजीटी के निर्देश के बाद 15 अक्टूबर तक रेत निकासी बंद है, इसके बावजूद कोलियारी से जोरातराई तक जगह-जगह नदी से अवैध रूप से रेत की निकासी की जा रही हैं। इसके चलते ही नदीय तटीय गांवों में भूमिगत जलस्तर काफी नीचे चला गया है।
 

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