जशपुर

जशपुर में सहारा कंपनी के 3 लाख खाता धारकों के करोड़ों अधर में, गरीबों का विवाह, इलाज, शिक्षा प्रभावित
02-Oct-2022 3:49 PM
जशपुर में सहारा कंपनी के 3 लाख खाता धारकों के करोड़ों अधर में, गरीबों का विवाह, इलाज, शिक्षा प्रभावित

बेबश खाता धारकों की प्रशासन पर टिकी उम्मीदें

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
 जशपुरनगर, 2 अक्टूबर। मे
हनत मशक्कत से कमाई गई रकम और अपना पेट काटकर जमा की गई बचत राशि जब डूबने के कगार पर आ जाए तो गरीब निवेशकों की उम्मीदें धरी की धरी रह जाती हैं।
 ये हालात बने हैं वर्तमान में सहारा इंडिया परिवार में पैसा जमा करने वाले लाखों-करोड़ों खाता धारकों की। बेटी, बेटा के विवाह, शिक्षा और व्यापार के लिए थोड़े-थोड़े कर पैसा जमा करने.वाले खाताधारक पैसा वापस नहीं मिलने से परेशान हैं। किसी ने अच्छे रिटर्न मिलने की उम्मीद से लाखों रुपए फिक्स डिपॉजिट में डाल दिए और डिपॉजिट की मैचॉरिटी ध्यान में रखकर किसी ने शादी का वक्त तय किया तो किसी ने ईलाज का तो किसी ने शिक्षा की तैयारी की। लेकिन एक गहरा उम्मीद लिए बैठे खाता धारकों को सहारा इंडिया परिवार के एजेंटों की ओर से तारीख पर तारीख दी जा रही है। समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।

परेशान खाताधारकों की निगाहें और उम्मीदें अब चिटफंड कंपनियों से पैसे वापस कराने में काम कर चुके जिला प्रशासन पर टिकी है। अब शासन- प्रशासन के सहयोग से ही उनके रकम की वापसी की उम्मीद है। मदद नहीं मिलने से लाखों लोगों पर बड़ी आफत से गंभीर आर्थिक समस्या होने का खतरा मंडरा रहा है।

जिले में लगभग 3 लाख खाता
सहारा इंडिया परिवार से जुड़े जशपुर जिला के विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में जशपुर, पत्थलगांव, बगीचा, कुनकुरी और तपकरा में कंपनी के कार्यालय हैं। दुलदुला, कांसाबेल और मनोरा में कार्यालय नहीं होने के बावजूद भी एजेंट काम कर रहे हैं और उनके भी हजारों खाताधारक ग्राहक हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में एजेंटों की संख्या लगभग 2000 के करीब हैं और एक एजेंट के पास औसतन 150 खाताधारक हैं। इस हिसाब से जिले में खाताधारकों का आंकड़ा 3 लाख के करीब है, जिसमें लगभग करोड़ों रुपए जमा है। कुछ खाताधारक रोजाना जमा करते हैं, कईयों ने फिक्स डिपॉजिट कराया है। विभिन्न प्रकार से निवेश किए गए हैं।

एजेंट-ग्राहक दोनों परेशान
गरीबी से गुजर रहे शिक्षित बेरोजगारों ने सहारा इंडिया परिवार कंपनी से जुडक़र अपना एक छोटा रोजगार शुरू किया और खाताधारकों के पैसे जमा कर अपना परिवार का पालन पोषण शुरू किया। खाताधारकों के दबाव से एजेंट भी परेशान हैं। दोनों के बीच परेशानियां बढ़ती जा रही है।

ये है प्रमुख समस्या
सहारा इंडिया परिवार के सूत्र से मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष 2012 में सरकारी संस्था सेबी ने सहारा कंपनी से 25 हजार करोड़ रुपए बतौर सुरक्षानिधि जमा कराए थे। वह पैसा कंपनी को वापस नहीं मिलने की वजह से खाताधारकों को पैसा लौटाने में दिक्कतें हो रही हैं।
 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news