बालोद

पिता की पहल, मेरे नाम से नहीं बेटियों के नाम से हो घर की पहचान
03-Oct-2022 3:24 PM
पिता की पहल, मेरे नाम से नहीं बेटियों के नाम से हो घर की पहचान

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 3 अक्टूबर।
बेटियों की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए सरकार ने कई सारी योजनाएं चलाती है केंद्र सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ किनारे के साथ आगे बढ़ रही है तो हाल ही में प्रदेश सरकार ने हमर बेटी हमर मान योजना की शुरुआत की है परंतु यह सभी योजनाएं धरातल पर नजर तब आती है जब लोगों में अपनी बेटियों को लेकर जागरूकता आए और वे उनके सुरक्षा संरक्षण और विकास को लेकर प्रतिबद्ध हो।
बालोद में दिखी पहल

बालोद जिले के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग में दैनिक भोगी कर्मचारी के रूप में कार्य करने वाले राधेश्याम देशमुख ने एक अभिनव पहल करते हुए बेटियों का मान बढ़ा दिया है उसने ना किसी सरकारों से प्रेरणा ली है बल्कि स्वयं ही अपनी बेटियों को सक्षम बनाने का संकल्प लिया है उनकी दो बेटियां हैं और वे चाहते हैं कि मेरी बेटियां खुलकर पड़े खुले आसमान में उड़े और अपने मन का प्रोफेशन चुने।
अच्छा लगता है

राधेश्याम देशमुख की बेटियां रागिनी और मीनाक्षी ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा करते हुए जानकारी दी कि काफी अच्छा लगता है जब कोई कहता है कि देशमुख के घर जाओ तो बाहर में उनकी पिता का नहीं बल्कि उनके बेटियों का नाम लिखा हुआ है रागिनी और मीनाक्षी ने जानकारी देते हुए बताया कि वह स्कूलों में जाते हैं तो वह अपने साथियों को बताते हैं कि हमारे घर में हमारे पापा ने हमारे घर का नाम हमारे नाम से लिखा है और दोनो बेटियां काफी गौरवान्वित महसूस करते हैं।

घर का नेम प्लेट बेटियों के नाम अक्सर हम देखते हैं कि घरों में घर के पहचान के रूप में लगाए गए नेम प्लेट घर के बड़े बुजुर्ग घर के नौकरी पेशा लोगों के नाम पर रहता है परंतु यहां पर एक पिता ने अपने घर की पहचान नेम प्लेट के रूप में अपनी बेटियों के नाम से लगा रखा है।

प्रेरणा नहीं, जमीन पर दिखे बदलाव
अपने घर का नाम बेटियों के नाम पर रखने वाले पिता राधेश्याम देशमुख ने कहा कि किसी तरह की कोई प्रेरणा नहीं बल्कि बदलाव तो जमीन पर दिखना चाहिए अगर हम खुद संकल्प ले तो बेटियों के लिए हर संभव प्रयास कर सकते हैं उसने कहा कि मैं किसी को प्रेरणा नहीं देना चाहता और ना चाहता हूं कि कोई अपने घर पर बेटियों के नेम प्लेट लगाएं बल्कि मैं यही चाहता हूं कि पिता संकल्प लेकर बेटियों के सुरक्षा संरक्षण उनकी शिक्षा-दीक्षा के लिए वे सदैव तत्पर रहें बिटिया विकास की ओर अग्रसर रहे बेटी लक्ष्मी है और बेटी देश का भविष्य है।

सरकार से पहले थी मंशा
राधेश्याम देशमुख ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने हमर बेटी हमर मान के नाम से एक योजना संचालित की है उससे 2 महीने पहले से मेरी योजना थी कि मैं बेटियों के नाम से अपने घर का नाम रखूं उनके लिए अपना जीवन समर्पित करूं पर नेम प्लेट बनवाने में काफी देरी हो गई इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकारी योजना बना रही है। हमें भी अपना कर्तव्य निभाना चाहिए। 

 

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