रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 3 अक्टूबर। सोमवार को अष्टमी के दिन संध्या सभी देवी मंदिरों में हवन पूर्णाहुति महाआरती एवं महाप्रसादी संपन्न होगा। तदुपरांत अनेक मंदिरों में रात्रि गुप्त रूप से जवांरा ज्योति कलश का विसर्जन भी होगा।
सतबहिनी माता मंदिर के आचार्य पं विजय कुमार झा एवं पं उमेश पांडे ने बताया है कि आज सोमवार को दोपहर 4 बजकर 37 मिनट अष्टमी है। उसके बाद नवमी प्रवेश हो जावेगा। देवी मंदिरों में जहां अष्टमी को हवन प्रारंभ कर नवमी में पूर्णाहुति की जाती है, वहां 4.37 के पूर्व हवन प्रारंभ कर 4.37 बजे के बाद लगभग 5 बजे पूर्णाहुति होगी। तदुपरांत महाआरती, महाप्रसादी वितरण होगा।जिन मंदिरों में रात्रि गुप्त रूप से ज्योति जवांरा विसर्जन किया जाता है। उन मंदिरों में आज ज्योति जवांरा का विसर्जन भी होगा। इसके अतिरिक्त 4 अक्टूबर को दुर्गा विसर्जन जवारा विसर्जन होगा। बुधवार 5 अक्टूबर को विजयादशमी मनाया जावेगा। मंदिरों में 4 तारीख को कुंवारी भोजन, ब्राह्मण भोजन, भंडारा आदि भी संपन्न होंगे।
पुरानी बस्ती स्थित महामाया माता मंदिर, खोखो पारा स्थित दंतेश्वरी मंदिर में भी इसी प्रकार पूजा अर्चन संपन्न होंगे। हवन के दौरान सभी मंदिरों में दुर्गा पंडाल में स्वाहा स्वाहा गुंजायमान रहेगा। हवन करने से धार्मिक रुप से देवी देवताओं को भोजन प्राप्त होता है वही वैज्ञानिक रूप से वायुमंडल की शुद्धि होकर शुद्ध वायु में ऑक्सीजन श्रद्धालुओं को प्राप्त होता है। आचार्य श्री झा ने रावण दहन में रावण को सम्मान पूर्वक पूजा कर दहन करने का अनुरोध किया है। रावण देव पुरुष थे, उनका अपमान नहीं होना चाहिए। क्योंकि उनकी मुक्ति भगवान श्री रामचंद्र जी के कर कमलों से हुई थी। सद्विद्या माता मंदिर में प्रतिदिन मंदिर व्यवस्था आरती श्रृंगार अनिल यादव लक्ष्मी कांत यादव मन्नू लाल यादव शेखर पंसारी, पंडा लेखराम साहू के द्वारा किया जाता हैं। धर्मप्रिय श्रद्धालु जनों से अपील की गई है कि हवन कुंड में नारियल एवं सुहाग की सामग्री को ना डाला जावे, यह हितकर होता है।