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गिरदावरी रिपोर्ट को गांवों में किया चस्पा, किसान 10 तक कर सकते हैं दावा-आपत्ति
04-Oct-2022 6:59 PM
गिरदावरी रिपोर्ट को गांवों में किया चस्पा, किसान 10 तक कर सकते हैं दावा-आपत्ति

रकबा संशोधन के लिए किसानों के पास 7 दिन का समय
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सरायपाली, 4 अक्टूबर।
खरीफ फसल का गिरदावरी रिपोर्ट पटवारियों द्वारा जारी कर दी गई है और प्रत्येक पंचायतों के सार्वजनिक स्थानों पर किसानों का नाम व रकबा सहित सूची भी चस्पा किया गया है। किसी किसानों का त्रुटि वस धान के स्थान पर अन्य फसल उल्लेखित है या फसल अनुसार गिरदावरी में रकबा अंकित नहीं है, तो उन किसानों के लिए दावा आपत्ति कर  रकबा संशोधन करने 7 दिन का समय शेष है।

सरकार द्वारा समर्थन मूल्य में धान खरीदी किये जाने व धान के दाम अन्य फसलों के अपेक्षा अधिक दामों में खरीदने के कारण दलहन-तिलहन की अपेक्षा धान की फसल किसानों द्वारा अधिक ली जा रही है, प्रति वर्ष किसानों के द्वारा लगाए गए फसल का आंकलन करने पटवारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, कोटवार सरपंच की मौजूदगी में गिरदावरी रिपोर्ट तैयार किया जाता है, लेकिन पटवारी द्वारा तैयार किए गए रिपोर्ट में कई बार रकबा में त्रूटि भी सामने आती है, जितने रकबा का पटवारी द्वारा फसल रिपोर्ट तैयार किया जाता है,उसके आधार पर ही सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जाती है, अगर किसी खेत में धान लगे होने के बावजूद रिकॉर्ड में 0 या एक एकड़ में लगे फसल आधा एकड़ उल्लेख हो जाए तो किसान एक एकड़ में धान फसल लगाने के बावजूद केवल आधा एकड़ मे ही धान बेंच सकेंगे। किसान नुकसान से बचने गिरदावरी रिपोर्ट पटवारियों द्वारा चस्पा किए जाने के पश्चात अपने खेतों में लगाये फसल का रकबा देखने सूची टटोल  रहे हैं।

बता दें पूर्व में जो प्रति कुंटल किसानों को 2500 प्राप्त होता था इस वर्ष किसानों का धान 140 अधिक दामों पर 2640 रुपए में खरीदी की जाएगी.इसलिए अन्य सालों की अपेक्षा इस वर्ष धान फसल लेने वाले किसानों की संख्या बढ़ गई है।

किसानों को रकबा अनुसार पूरे धान को उपार्जन केंद्रों में बेचने और कटौती रकबा को सुधरवाने उनके पास सात दिवस,10 अक्टूबर तक का समय है। इस बीच किसान त्रूटि रकबा को सुधरवाकर नुकसान होने से बच सकते हैं। जहां पटवारियों के द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर गिरदावरी रिपोर्ट की सूची चस्पा की गई है वहां ग्रामीण, सरपंच, कोटवार की उपस्थिति में चस्पा कि गई है। और सभी किसानों को सूचित करने मुनादी भी करवाई जा रही है ताकि कोई भी किसान को रकबा त्रुटि कारण उन्हें नुकसान उठाना ना पड़े।

गिरदावरी रिपोर्ट के आधार पर ही समितियों को धान खरीदने मिलता है लक्ष्य
प्रति वर्ष किसानों का धान खरीदने शासन द्वारा उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं, जहां उन्हें लक्ष्य दिया जाता है।पटवारी द्वारा दिये गिरदावरी रिपोर्ट के आधार पर प्रत्येक उपार्जन केंद्रों को हर बार अलग-अलग लक्ष्य प्राप्त होता है,उसके अनुरूप की उन्हें समर्थन मूल्य पर पंजीकृत किसानों से धान खरीदी की जानी होती है।

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