रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 6 अक्टूबर। सांसद सुनील कुमार सोनी ने गुरुवार को यहां कहा कि प्रदेश में अपराध और अपराधियों का बोलबाला है। उन्होंने कहा कि भिलाई के घटना की जांच होनी चाहिए तथा राज्य सरकार से ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए ठोस कदम उठाए जाने की अपील की है। श्री सोनी ने कहा कि घटना के दौरा मकदर्शक बन कर बैठी थी। ऐसे हिंसात्मक घटना में सरकार का रवैया निंदनीय और गैरजिम्मेदाराना रहा है, जिसकी जितनी भी निंदा की जाये कम है।
सांसद श्री सोनी कहा कि प्रदेश में गौठान की योजना पूरी तरह विफल है और राज्य सरकार हजारों गौठान बनाने की झूठी वाहवाही लूट रही है। जगह-जगह मुख्य मार्गों पर गायें बैठे रहती हैं, जिससे रोज दुर्घटनाएं हो रही है। आश्चर्य की बात है कि करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी सरकार के पास ऐसी एक दर्जन गौठानें नहीं है जो व्यवस्थित हों। और तो और छत्तीसगढ़ में लगातार गौ-तस्करी हो रही है, जिसको भी रोकने में कांग्रेस की प्रदेश सरकार असफल है।
संख्या नियंत्रण कानन पर सांसद सुनील सोनी ने कहा कि कांग्रेस स्पष्ट करे कि कांग्रेस का क्या रूख है। हिम्मत है तो कांग्रेसी बताएं कि देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू होना चाहिए अथवा नहीं ? देशहित में कांग्रेस का रूख कभी साफ नहीं रहा है। केवल आलोचना करना ही कांग्रेस का इतिहास रहा है। देश के विकास में सर्वसम्मति से नया भारत, आत्मनिर्भर भारत, स्वदेशी भारत का निर्माण होना चाहिए और सहमतिपूर्वक नए कानून की सरंचना होने से निश्चित ही देश प्रगति के पद पर अग्रसर होगा।
श्री सोनी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में बढ़ते अपराध और साइबर काईम रोकने में सरकार विफल है। दिन प्रतिदिन अपराध बढ़ते जा रहे हैं, कई टन गांजा पकड़ा गया है, ठगी के मामले भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं और कार्यवाही के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है। छत्तीसगढ़ अपराध का केन्द्र बन गया है। मैं पूछना चाहता हूँ कि कितने लोगों को गिरफतार किया गया है। प्रदेश में कानून व्यवस्था चरमरा गई है और केवल ट्रांसफर उद्योग फलफल रहा है. जिसके चलते आम जनता को अत्यंत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जनता की समस्याओं का निराकरण नहीं हो रहा है, जिसके लिए राज्य सरकार पूर्णरूपेण जिम्मेदार है।
सांसद श्री सुनील सोनी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के आंदोलन से कांग्रेस भयभीत नजर आ रही है। विगत दिनों हुए 3 बड़े आंदोलनों से कांग्रेस घबरा गई है और कांग्रेसी उल-जूलूल बयानबाजी कर रहे हैं।
गौठानों में अब तक 53 हजार लीटर गोमूत्र की खरीदी
जैविक खेती के लाभ को देखते हुए छत्तीसगढ़ के किसान इसे तेजी अपनाने लगे हैं। गौठानों में गोबर से निर्मित वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट के उपयोग के साथ-साथ अब किसान रासायनिक पेस्टिसाईड के स्थान पर गोमूत्र से तैयार जैविक कीटनाशक ब्रम्हास्त्र और फसल वृद्धिवर्धक जीवामृत का उपयोग करने लगे हैं। यहां यह उल्लेखनीय है कि राज्य में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। रासायनिक उर्वरक एवं पेस्टिसाईड के चलते कास्त की बढ़ती लागत के साथ-साथ इससे होने वाले नुकसान को देखते हुए जैविक खेती की ओर रूझान बढ़ा है। जैविक खाद और जैविक कीटनाशक की सहज ही उपलब्धता भी इसमें मददगार साबित हो रही है। गौरतलब है कि गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गौठानों में दो रूपए किलो में गोबर खरीदी के साथ-साथ अब चार रूपए लीटर में गोमूत्र की खरीदी की जा रही है।