महासमुन्द
जुर्माना राशि को सचिव के वेतन से वसूल कर शासकीय कोष में जमा कराने निर्देश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 7 अक्टूबर। सूचना का अधिकार के एक मामले में छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग ने अरूण कुमार बुडेक जनसूचना अधिकारी को 25 हजार रुपए जुर्माना के साथ सीईओ जिला पंचायत महासमुंद को जांच कर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने का आदेश किया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आरटीआई कार्यकर्ता विनोद कुमार दास ने कार्यालय ग्राम पंचायत परघिया सरायपाली में सूचना का अधिकार के तहत आवेदन 10 जुलाई 2018 को लगाया था। समयावधि बीत जाने पर भी सचिव ने सूचना दस्तावेज नहीं दिया तो आवेदक ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पिथौरा में 24 अगस्त 2018 प्रथम अपील आवेदन प्रस्तुत किया। प्रथम अपील सुनवाई में आवेदक को नि:शुल्क सूचना दस्तावेज उपलब्ध कराने का आदेश प्रथम अपीलीय अधिकारी ने पारित किया।
प्रथम अपील पारित आदेश के बाबजूद सचिव अरूण कुमार बुडेक ने सूचना दस्तावेज आवेदक को प्रदाय नहीं किया। जिसके कारण आवेदक ने छग राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील 29 अक्टूबर 2018 को प्रस्तुत किया। सूचना आयोग से नोटिस मिलने के बाद सचिव ने आवेदक को 12 फरवरी 2021 को अप्रमाणित सूचना दस्तावेज डाक से भेज दिया। इस पर आरटीआई कार्यकर्ता विनोद कुमार दास ने सूचना आयोग में आपत्ति किया।
द्वितीय अपील की सुनवाई में मुख्य सूचना आयुक्त एम.के.राउत ने पाया कि जनसूचना अधिकारी ने धारा 07(1) का पालन नही किया है। सूचना आयोग में जनसूचना अधिकारी ने लिखित कोई जबाब नहीं दिया है और उपस्थित भी नहीं हुआ है। इस कारण धारा 20(1) के तहत 25 हजार रुपए जुर्माना किया गया। उक्त जुर्माना राशि को सचिव अरूण कुमार बुडेक के वेतन से वसूल करके शासकीय कोष में जमा कराने का निर्देश सीईओ जनपद पंचायत पिथौरा को किया गया है।
इस मामले में जनसूचना अधिकारी ग्राम पंचायत परघिया सरायपाली राज्य सूचना आयोग की सुनवाई पेशी में उपस्थित नहीं हुए। जबकि सूचना आयोग ने कई मौके सचिव को दिए हैं। इसके साथ सुनवाई में पाया गया कि पाया है कि प्रथम अपीलीय अधिकारी के आदेश का पालन भी नहीं किया गया है जो धारा 20(2) को आकर्षित करता है। इसलिए एम.के.राउत. मुख्य सूचना आयुक्त ने सीईओ जिला पंचायत महासमुंद को इस प्रकरण में उपरोक्त तथ्यों की जांच कर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की अनुशंसा की है।