बीजापुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 8 अक्टूबर। अनुसूचित जनजातियों के आरक्षण को कम किए जाने के मुद्दे पर राज्य सरकार द्वारा सही पक्ष न रखे जाने व जिलों में मौजूदा भर्तियों में आरक्षण कम किए जाने को लेकर सर्व आदिवासी समाज सरकार के खिलाफ सडक़ पर उतरकर प्रदर्शन करेगा। एक दिवसीय महाबंद और उग्र आंदोलन करने की बात यहां गोंडवाना भवन में आयोजित पत्रवार्ता में सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष अशोक तलांडी ने कही है।
अशोक तलांडी ने कहा कि भारतीय संविधान के अनुरूप जनजातियों के जनसंख्या के आधार पर आरक्षण दिए जाने की मांग लगातार की जाती रही है, जिसके एवज में 32 प्रतिशत आरक्षण मिलता रहा, जिलों में जनसंख्या के अनुपात से यह आरक्षण व्यवस्था रही। 19 सितंबर की हाईकोर्ट के एक निर्णय में अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को कम करने के फैसले के बाद यथा शीघ्र सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए था, इसके साथ ही कोर्ट में सरकार के तरफ से मजबूत पक्ष न रखा जाना सरकार के आदिवासी विरोधी चेहरे को प्रदर्शित करती है।
तलांडी ने कहा कि हाईकोर्ट के निर्णय के तुरंत बाद सचिवालय से जिला स्तर की भर्तियों में आरक्षण के नए रोस्टर के पालन के निर्देश आ जाते हैं, जिससे साबित होता है कि प्रदेश को भूपेश बघेल नहीं नौकरशाह चला रहे हैं।
अशोक तलांडी ने बताया कि आगामी 10 अक्तूबर को सभी ब्लाक मुख्यालयों व जिला मुख्यालय में रैली धरना और महाबंद किया जा रहा है। इसके बाद भी परिणाम नहीं मिलने पर आदिवासी समाज आगे उग्र आंदोलन करेगा जिसकी जवाबदेही शासन प्रशासन की होगी। इस दौरान गुज्जा राम पवार, बृजलाल पुजारी, राकेश गिरी, हरिकृष्ण कोरसा, तारकेश पैंकरा, जगबंधु मांझी, सतीश भगत सहित अन्य समाज प्रमुख मौजूद रहे।
तुरनार चौक में होगा धरना आपातकालीन सेवाओं को छूट
सर्व आदिवासी समाज के जिलाध्यक्ष अशोक तलांडी ने बताया की जिला मुख्यालय में दो स्थानों पर लोगों का जमाव होगा जिसमें गंगालूर चौक और तुरनार चौक शामिल हैं। तुरनार चौक में धरना के बाद वापस गोंडवाना भवन में एकत्र होकर रैली के शक्ल में कलेक्ट्रोरेट में ज्ञापन सौंपा जाएगा। इस महाबंद के दौरान आपातकालीन सेवाओं पर इसका असर नहीं रहेगा।