गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 14 अक्टूबर। जिला सहकारी समिति कर्मचारी संघ अपनी 4 सूत्रीय मांगों को लेकर , एक दिवसीय धरना प्रदर्शन रैली निकाल मुख्यमंत्री , खाद्य मंत्री , सहकारिता मंत्री के नाम कलेक्टर प्रतिनिधि के रूप में अनुविभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
गुरुवार को जिला सहकारी कर्मचारी संघ के आव्हान पर लगभग 150 सहकारिता कर्मचारियों ने स्थानीय गांधी मैदान पहुंच अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर पांचों विकास खंड से आए कर्मचारियों ने अपनी अपनी समस्याओं को रखते हुए अपनी चार सूत्रीय मांगो जिसमें शासन की धान खरीदी नीति अनुसार धान उठाव नियम का पालन विपणन संघ द्वारा नहीं किया जाता है ,उपार्जन प्रभारीयों से सुखत की भरपाई न कराया जावें ।
वर्ष 2007-08 के बाद प्रांसगिंग व्यय एवं सुरक्षा भण्डारण व्यय में वृद्धी नहीं किया गया है, मंहगाई को ध्यान में रखते हुए प्रांसगिग व्यय एव सुरक्षा व्यय 30 रूपये प्रति क्विंटल दिया जावें एवं धान पर कमीशन 50 रूपये प्रति क्विंटल करने , नवीन समितियों में पुनर्गठन के पश्चात् रिक्त पदों की भर्ती पर रोक लगाते हुए योग्यता एवं वरिष्ठता के आधार पर कर्मचारियों को पदोन्नत कर रिक्त पदों पर भर्ती एवं जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के रिक्त पदों पर समिति के कर्मचारी को योग्यता अनुसार नियुक्त हो।
इसके अलावा चौथी मांग जिसमें प्रबंधकीय अनुदान प्रदान करने बाबत् वर्तमान में कार्यरत कर्मचारी को मात्र वेतन 5000 से 15000 तक भुगतान किया जा रहा है जो मंहगाई को देखते हुए बहुत कम है समितियों में फण्ड नहीं होने के कारण कर्मचारी को विगत 12 महिना से 16 महिना तक वेतन नहीं दिया जा रहा है।
उक्त चार सूत्रीय मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन में अपनी आवाज बुलंद करते हुए दोपहर बाद गांधी मैदान से रैली निकाल गौरव पथ होते हुए तिरंगा चौक पहुंच मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर प्रतिनिधि के रूप में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को ज्ञापन सौंपा।
सहकारिता समिति संघ के जिला अध्यक्ष प्रमोद यादव सहित भानु प्रताप साहू सुरेंद्र कुमार सिन्हा ,सूरज मंझी, अमृत लाल साहू, दिनेश कुमार चंद्राकर , गणेश ठाकुर ,राम कारन त्रिवेदी, राजेश कश्यप , रुद्र ठाकुर, अशोक दीवान , कंचन झा , खिलेश्वर यादव, मुकेश चक्रधारी, देवेंद्र यादव, खेलावन साहू, गजेंद्र चक्रधारी , मानसिंह सिन्हा, रमेश ध्रुव, मनोज साहू ,अश्वनी साहू, एवं सहकारिता समिति संघ के सभी कर्मचारी मौजूद थे।