दन्तेवाड़ा
ईडी के प्रेस नोट से खुलासा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा, 17 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ के अफसरों पर प्रवर्तन निदेशालय के लगातार छापों से प्रदेश की कांग्रेस सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री पद पर रहने का नैतिक अधिकार खो चुके हैं। उक्त उद्गार पूर्व सांसद, बस्तर लोकसभा क्षेत्र दिनेश कश्यप ने प्रेस वार्ता में व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार का नियोजित रैकेट चल रहा है जिसे शासन का संरक्षण प्राप्त है। कांग्रेस सरकार द्वारा नियोजित तरीके से भ्रष्टाचार किया जा रहा है। भ्रष्ट अधिकारियों का सार्वजनिक रूप से समर्थन भी किया जा रहा है।
पूर्व सांसद ने बताया कि कोयला के परिवहन में में वसूली की जा रही है। कोयले के 1 टन में 25 रूपये की जबरन वसूली की जा रही है। इस तरह से प्रतिदिन दो से तीन करोड़ रुपए की अवैध वसूली की जा रही है। जिसमें नौकरशाह,व्यापारी, राजनेता और बिचौलिए सक्रिय रूप से शामिल है। इस मामले का खुलासा प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी से हुआ। जिसमें लक्ष्मीकांत तिवारी के पास से 1.5 करोड़ रुपए जब्त किए गए।
प्रदेश में आदिवासियों मजदूरों और किसानों के धन की लूट की जा रही है। प्रदेश सरकार के पास विभिन्न योजनाओं के संचालन हेतु धन नहीं है, जबकि प्रवर्तन निदेशालय के छापे में नौकरशाहों से करोड़ों की संपत्ति बरामद की गई है। इस भ्रष्टाचार के खुलासे के फलस्वरुप छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने पद में बने रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है।
इस दौरान ओजस्वी मंडावी, सुनीता भास्कर, कमला नाग,चैतराम अटामी, धीरेंद्र प्रताप, संतोष गुप्ता, दुर्गा चौहान मुकेश शर्मा, और दीपक बाजपेई प्रमुख रूप से मौजूद थे।