गरियाबंद
टोकन कटना प्रारंभ नही
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 31अक्टूबर। प्रदेश सरकार की मंशा अनुरूप एक नवंबर से धान खरीदी जिले के 82 धान उपार्जन केंद्रों में किया जाना है किंतु धान उपार्जन समिति प्रबंधकों द्वारा बीते दिनों जिला सहकारी समिति कर्मचारी संघ अपनी 4 सूत्रीय मांगों को लेकर, एक दिवसीय धरना प्रदर्शन रैली निकाल मुख्यमंत्री, खाद्य मंत्री, सहकारिता मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया था। लेकिन शासन- प्रशासन द्वारा मांगों पर किसी प्रकार संज्ञान नही लिए गए। जिसके कारण समिति प्रबंधक ने धान खरीदी केन्द्र में अभी तक पंजीकृत किसानों का टोकन नही काटा जा रहा है । एक नवंबर से धान खरीदी प्रभावित होने के अंदेशा से किसान मायूस नजर आ रहे है ।
गौर तलब है कि बीते 13 अक्टूबर को स्थानीय गांधी मैदान में जिले के जिला सहकारी कर्मचारी संघ के आव्हान पर लगभग 150 सहकारिता कर्मचारियों द्वारा पांचों विकास खंड से आए कर्मचारियों ने अपनी अपनी समस्याओं को रखते हुए अपनी चार सूत्रीय मांगो शासन की धान खरीदी नीति अनुसार धान उठाव नियम का पालन विपणन संघ द्वारा नहीं किया जाता है, उपार्जन प्रभारीयों से सुखत की भरपाई न कराया जावें ।
वर्ष 2007-08 के बाद प्रांसेगिंग व्यय एवं सुरक्षा भण्डारण व्यय में वृद्धी नहीं किया गया है, मंहगाई को ध्यान में रखते हुए प्रांसेगिग व्यय एव सुरक्षा व्यय 30 रूपये प्रति क्विंटल दिए जाऐं एवं धान पर कमीशन 50 रूपये प्रति क्विंटल करने, नवीन समितियों में पुनर्गठन के पश्चात् रिक्त पदों की भर्ती पर रोक लगाने हुए योग्यता एवं वरिष्ठता के आधार पर कर्मचारियों को रिक्त पदों पर नयुक्ति हो जैसे मांगो को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया था, जिसके के चलते सरकार द्वारा किसी प्रकार संज्ञान नही ली गई नाराज प्रबंधको ने धान खरीदी की तैयारी कर चुके है , वही किसानों का पंजीयन कार्य जारी, समाचार लिखे जाने तक किसानों का टोकन काटना बंद रखे है उक्त संबंध में मार्कफेड डी एम ओ अमित चंद्राकर से जानकारी लिए जाने के लिए मोबाइल से संपर्क किया गया, काल रिसीव नही किया ।
इस संबंध में जिला सहकारी समिति कर्मचारी संघ जिला अध्यक्ष प्रमोद यादव ने कहा कि जब तक शासन- प्रशासन द्वारा मांगें पूरी नहीं करते तब तक धान खरीदी से पृथक रहेगें, शासन प्रशासन अपने प्रतिनिधि नियुक्त कर खरीदी करवा सकते है ।