जान्जगीर-चाम्पा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बोड़ला, 31 अक्टूबर। नगर पंचायत बोड़ला के बाजार चौक में आरक्षण कटौती के विरोध में बूढ़ादेव राजगोंड समाज सेवा समिति भोरमदेव व सर्व आदिवासी समाज के द्वारा तहसील स्तरीय घेराव व धरना प्रदर्शन किया गया।
धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में क्षेत्रीय आदिवासी समाज के समस्त पदाधिकारी एवं सर्व आदिवासी समाज के समस्त समाज प्रमुख जनप्रतिनिधि युवक वित्तीय अधिकारी कर्मचारी काफी संख्या में सम्मिलित होकर अपने हक की लड़ाई को सफल बनाने के लिए जुटे। गौरतलब है कि 32 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर पूरे राज्य व विकासखंड क्षेत्र के सर्व आदिवासी समाज में भारी आक्रोश है। अपने मंची संबोधन में बूढ़ादेव राजकोट समाज सेवा समिति भोरमदेव के पदाधिकारियों व सर्व आदिवासी समाज के काशीराम विदेशी काशि राम धु्रव, संतराम कन्हैया युवा अध्यक्ष सोनू राम सहित अन्य लोगों द्वारा समाज के अधिकारों की मांग को प्रमुखता के साथ उठाया गया।
अपने संबोधन में उन्होंने उच्च न्यायालय बिलासपुर के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य आरक्षण अध्यादेश अमान्य हो गया है। इसके अनुरूप सभी जगह में आदिवासी समाज के लोगों को 32 प्रतिशत आरक्षण प्रभावित होगा इस संबंध में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कोई सूचना स्पष्ट दिशानिर्देश जारी नहीं किया जाना शंका पैदा करता है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में जनसंख्या के अनुरूप 32 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के बाद आदिवासी समाज द्वारा लगातार आवेदन धरना प्रदर्शन विधानसभा घेराव के बाल 2012 से 2022 तक की राज्य सरकारों के द्वारा आदिवासियों के पक्ष में सही तथ्य नहीं रख पाने के कारण वर्ष 2022 में राज्य शासन अपने अध्यादेश को हार गया।
छत्तीसगढ़ बहुत संख्या का आदिवासी समुदाय है एवं 60 प्रतिशत भूभाग आदिवासियों के लिए संविधान की पांचवी अनुसूची क्षेत्र के रूप में संवैधानिक रूप से आरक्षित है। सर्व आदिवासी समाज जब तक छत्तीसगढ़ शासन आदिवासियों के 32 प्रतिशत आरक्षण बहाल अध्यादेश नहीं लाया जाएगा। तब तक आदिवासी समाज आंदोलनरत रहेगा। इस तरह बूढ़ादेव राजगोंड समाज सेवा समिति भोरमदेव के पदाधिकारियों और लोगों के द्वारा तहसील स्तरीय धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम रखा गया।
कार्यक्रम के पश्चात रैली निकालकर तहसीलदार व एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया जिसमें काफी संख्या में समाज के लोगों के शामिल हुए। कार्यक्रम में तरेगाव, जंगल, दलदली, बैजलपुर, बोदा, बोरिया, बोलदा, बैरख, रानी, दहरा, ढोलबज्जा, सहित दर्जनों से अधिक गांव से समाज के लोग शामिल हुए। जिनमें अध्यक्ष फगनू राम धु्रव, विदेशी राम धु्रव, संतराम धु्रव, काशीराम धु्रव, शालिक राम मेरावी, कन्हैया मेरावी, चैन सिंह खुसरो, शगनु सिंह, रूप सिंह, मुंशीराम, दौलत, तुलस, आत्मा, मानसिंह आदि उपस्थित रहे।