बीजापुर
प्रशासन की लापरवाही ने ली फार्मासिस्ट की जान -आरोप
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 8 नवंबर। इंद्रावती नदी में डोंगी पलटने से फार्मासिस्ट प्रदीप कौशिक की हुई मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। भाजपा जिलाध्यक्ष श्रीनिवास मुदलियार ने प्रशासन को आड़े हाथ लेते हुए आरोप लगाया है कि प्रशासन ने स्वास्थ्य अमले को लाइफ जैकेट व मोटरबोट उपलब्ध कराना तक मुनासिब नहीं समझा और इसी लापरवाही ने फार्मासिस्ट की जान ले ली।
सोमवार को कौशलनार स्थित उप स्वास्थ्य केन्द्र से वापस लौट रहे स्वास्थ्य दल की डोंगी इंद्रावती नदी में पलट गई थी। इस हादसे में एक फार्मासिस्ट प्रदीप कौशिक की नदी में बह जाने से मौत हो गई है।
भाजपा जिला अध्यक्ष श्रीनिवास मुदलियार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जिला प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। श्री मुदलियार ने कहा है कि मुख्यालय में बैठे जिम्मेदार अधिकारी असंवेदनशील हो गए हैं। इन्हें अपने से नीचे के कर्मचारियों की कोई चिंता नहीं है, इसलिए नदी में इतनी गहराई होने के बावजूद भी बगैर कोई लाइफ जैकेट और मोटर बोट के डोंगी के सहारे स्वास्थ्य अमले को मरने के लिए छोड़ दिया गया।
जब कभी बड़े अधिकारियों का ऐसे क्षेत्र में दौरा होता है। उस दौरान सुरक्षा का पूरा ध्यान दिया जाता है, फिर निचले कर्मचारियों के साथ भेदभाव दुर्भाग्यपूर्ण है।
जिलाध्यक्ष ने आगे कहा है क्या जिला प्रशासन को इसकी जानकारी थी। अथवा नहीं, कि स्वास्थ्य विभाग की टीम इस व्यवस्था के साथ चुनौतियों में सेवा दे रहे हैं। अगर जानकारी रही तो सुरक्षा का उचित व्यवस्था क्यों नहीं किया गया। यह जिला प्रशासन की घोर लापरवाही है। इसकी जितनी निंदा करें कम है। जिला प्रशासन की लापरवाही से किसी के परिवार का चिराग बुझ गया। इसके जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ जिला प्रशासन है। स्वास्थ्य कर्मियों के सुरक्षा पर ध्यान न देकर लापरवाही बरतने वाले संबंधित अधिकारी पर सख्त कार्रवाई की मांग भाजपा जिला अध्यक्ष ने की है।