बालोद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 9 नवंबर। शहर के कन्या शाला के अटल लाइव के प्रोफेसर भूपेश्वर नाथ योगी ने मंगलवार को चंद्रग्रहण का छात्राओं एवं आम जनता को अध्ययन कराया। उन्होंने टेलीस्कोप के माध्यम से चंद्रग्रहण की तस्वीर और उससे होने वाले प्रभाव और चंद्रग्रहण के वास्तविक खगोलीय घटना के कारण कोई स्पष्ट किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि चंद्रग्रहण जिसे पुराने समय में एक अलग ढंग से देखा जाता था, उसका वास्तविक अर्थ निकालना इसका उद्देश्य है।
छत पर लगी रही भीड़
प्रोफेसर ने अपनी छत पर टेलीस्कोप लगा रखा था और आसपास के लोगों की भीड़ लगी रही। टेलीस्कोप में सामान्य आंखों से भी देखा जाए सकता था। चंद्रग्रहण की शुरुआत के साथ ही सूर्य की तेज लाल रोशनी चंद्र पर पडऩे लगी और पृथ्वी का साया भी उस पर पडऩे लगा इस कारण पूर्णिमा के दिन भी चांद आधा नजर आया।
विज्ञान सम्मत बातों को समझने का अवसर
प्रोफेसर ने बताया कि चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण को हम बारीकी से पहले स्कोप के माध्यम से अध्ययन कर रहे हैं इसका मकसद यह है कि विज्ञान सम्मत बातों को हम इसके माध्यम से समझते हैं उन्होंने कहा कि यह एक आंशिक चंद्रग्रहण है बालोद में सूर्यास्त देरी से हुआ इसलिए देरी से दिखा इसका उद्देश्य है कि प्राचीन समय का जो अंधविश्वास है उसको हम दूर कर पाए ग्रहण एक खगोलीय घटना है ब्रह्मांड में सारी चीजें दूसरे के चक्कर लगा रही है जब सभी चीजें एक सीध में आते हैं तो एक दूसरे की परछाई पड़ती है तो उसे ग्रहण का नाम दिया जाता है।