कवर्धा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बोड़ला, 11 नवंबर। विकासखंड के सुदूर वनांचल के ग्राम पंचायत चिल्फी घाटी में कबीर पंथ मानिकपुरी समाज के अनुयायियों द्वारा कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर धनी धर्मदास जी का प्रकट दिवस धूमधाम के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में चिल्फी घाटी के व आसपास के क्षेत्र से बड़ी संख्या में कबीरपंथी मानिकपुरी समाज के लोग पहुंचे थे ।
कबीर दास परम शिष्य थे धनी धर्मदास
कार्यक्रम के विषय में और अधिक जानकारी देते हुए चिल्फी घाटी के महान अमृत दास ने बताया कि कबीर दास जी के परम स्नेही शिष्य व कबीर पंथ के प्रवर्तक धनी धर्मदास जी थे वे निर्गुण भक्ति धारा के प्रमुख संत रहे संत परंपरा को आगे बढ़ाने में इनका योगदान रहा है। यह कबीर दास जी के प्रधान शिष्य थे छत्तीसगढ़ में कबीर पंथ के प्रचार प्रसार में इनका विशेष योगदान रहा है। यह बांधवगढ़ के थे।
उन्होंने कबीर साहब वाणी वचनों को संग्रहित करने में भी अहम भूमिका निभाई जैसे गीता को सुनने का शरीर अर्जुन को है, उसी तरह कबीर वाणी और वचनों को जो हत्या सुनने का और उनको लिपिबद्ध करने का श्रेय धनी धर्मदास जी को था जिनका जन्मदिन कार्तिक पूर्णिमा के दिन परंपरागत रूप से मनाया जाता है।
विविध कार्यक्रम हुए
ग्राम चिल्फी घाटी में कार्तिक पूर्णिमा में धनी धर्मदास जी के जन्म दिवस के अवसर पर परंपरागत रूप से कार्यक्रम किया जाता है। इसी के अनुसार सोमवार को भी ग्राम चिल्फी घाटी में कार्तिक पूर्णिमा व धनी धर्मदास जी के जन्मदिन के अवसर पर अनेक कार्यक्रम हुए। किस विषय में जानकारी देते हुए समाज के चाना संतोष दास ने बताया चिल्फी घाटी में 50 वर्षों से भी अधिक समय से कार्तिक पूर्णिमा को धनी धर्मदास जी का जन्मदिन मनाने की परंपरा रही है उसी के अनुरूप आज कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर कबीर पंछियों द्वारा सर्वप्रथम प्रात: गुरु महिमा का पाठ पूनम महत्व पाठ कबीर चबूतरा ने किया गया।
तत्पश्चात सुबह संत महंतों के द्वारा ध्वजा निशान पूजन के पश्चात ग्राम की समस्त सम्मानित मानिकपुरी कबीरपंथी समाज की आमीन माता महिला मंडल के द्वारा ध्वजा निशान पूजा के पश्चात पटेल मोहल्ला कबीर चबूतरा से विशाल मंगल कलश शोभायात्रा निकालकर ग्राम की समस्त गलियों में धूमधाम के साथ घुमा गया। तत्पश्चात दोपहर भजन कीर्तन का कार्यक्रम रखा गया। भजन कीर्तन के पश्चात सत्संग भजन प्रवचन के कार्यक्रम में कबीरपंथी समाज को कबीर साहब की वाणी और वचन से संतों द्वारा प्रवचन दिया गया। तत्पश्चात शाम 4 बजे सात्विक चौका आरती का कार्यक्रम किया गया कार्यक्रम के पश्चात संध्याकाल में विशाल भंडारा का कार्यक्रम रखा गया। इस तरह चिल्फी घाटी में परंपरागत रूप से कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर धनी धर्मदासजी का जन्म दिवस धूमधाम के साथ मनाया गया।