बालोद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 16नवंबर। बालोद जिले में मंगलवार आदिवासी वर्ग द्वारा 12 प्रतिशत आरक्षण कम किए जाने के विरोध में प्रदर्शन किया गया,वही रेल रोका गया। ओबीसी महासभा ने भी आंदोलन में चिंगारी भर दी हंै। दरअसल प्रदेश के सभी जिलों में ओबीसी महासभा द्वारा ज्ञापन दिया गया कि आगामी समय में उन्हें जनसंख्या के आधार पर आरक्षण दिया जाए।
विशेष सत्र से उम्मीद
ओबीसी महासभा के प्रदेश अध्यक्ष राधेश्याम साहू ने आज जानकारी देते हुए बताया कि आने वाले समय में प्रदेश सरकार द्वारा आरक्षण के विषय को लेकर विशेष सत्र बुलाया गया हंै।
जिसको लेकर ओबीसी महासभा ने कहा कि उन्हें भी इस सत्र से काफी उम्मीदें हैं, और आगामी दिनों में यदि कोई सरकार बड़ा फैसला नहीं लेती तो रायपुर में अधिवेशन किया जाएगा पैदल मार्च निकाला जाएगा और उसके बाद यह बड़ा आंदोलन का स्वरूप लेगा।
मिले कोड
ओबीसी महासभा के जिला अध्यक्ष यज्ञ देव पटेल ने कहा कि ओबीसी वर्ग को भी 2021 की जनगणना में एक अलग कोर्ट मिलना चाहिए उसके आधार पर जनगणना करना चाहिए पिछले वर्ष जो जनगणना हुई वह आर्थिक जनगणना थी।
उसमें ओबीसी का ऑप्शन रखा गया था। परंतु हमें जातिगत जनगणना में हर क्षेत्र में आरक्षण चाहिए जिसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं।
इस दौरान संतोष कौशिक, लता साहू, दिनेश साहू, मोहिनी देवांगन, भगवती सोनकर, नारायण साहू सहित अन्य ने भी अपनी बातों को रखा।
ओबीसी समुदाय का समुचित विकास
ओबीसी समाज ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस के साथ ही मांग किया कि ओबीसी समुदाय का समुचित विकास होना चाहिए शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार प्रत्येक क्षेत्र में आरक्षण मिलना चाहिए क्योंकि आबादी आरक्षण में बेहद अनिवार्य हंै।
इसलिए आबादी को आधार मानकर आरक्षण दिया जाना चाहिए सुप्रीम कोर्ट ने 27 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय दिया था। परंतु मध्य प्रदेश सरकार के समय से ही 14 प्रतिशत आरक्षण संचालित हंै। उन्होंने कहा कि क्योंकि प्रदेश के मुख्यमंत्री ओबीसी वर्ग से आते हैं इसलिए हम सबकी उम्मीदें बढ़ी हुई हंै।