बलरामपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रामानुजगंज,16 नवंबर। विधायक बृहस्पत सिंह ने कहा-जब मेरे घर में मेरे 2 भाई 7 बहनों को तीन टाइम का खाना नसीब नहीं था, पढऩे के लिए कापी किताब खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। तमाम प्रकार की परेशानियों ने एक साथ दस्तक दी। कई रात भूखे भी सोना पड़ा, परंतु मैंने कभी हौसला हिम्मत नहीं खोया। हमेशा सकारात्मक विचार के साथ कार्य करते रहा, जिसका नतीजा रहा कि मैं पहले पंच फिर जिला पंचायत सदस्य, बैंक का डायरेक्टर फिर आपके बीच दूसरी बार विधायक बनकर खड़ा हूं।
शासकीय कन्या उत्तर माध्यमिक विद्यालय में बाल दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में विधायक ने शासकीय कन्या उत्तर माध्यमिक विद्यालय में छात्राओं के प्रश्नों के जवाब दिए वहीं कैरियर गाइडेंस भी दिए। उन्होंने कहा कि आपके पास पढऩे के लिए अनुकूल परिस्थिति है आप खूब मन लगाकर पढ़ें एवं आगे बढ़े।
छात्राओं को अपने जीवन से जुड़ी एवं अभाव के बीच तरक्की के सोपान तय करने वाले लोगों के संस्मरण सुना कर छात्राओं को पढऩे के प्रति मोटिवेट किया। श्री सिंह ने कहा कि आप पढ़ाई से अपनी जिंदगी एवं अपने परिवार वालों की जिंदगी बदल सकते हैं बस मन में पढऩे का हौसला,हिम्मत एवं लगन होना चाहिए यदि यह आप में है तो आपको तरक्की करने से कोई नहीं रोक सकता है। आप अपना भाग्य अपने तय कर सकते हैं कभी भी भाग्य भरोसे कोई कार्य नहीं छोडऩा चाहिए।
इस दौरान विद्यालय के एसएमबीसी अध्यक्ष अरुण अग्रवाल, पार्षद अशोक जयसवाल, किसान कांग्रेस जिला अध्यक्ष विकास दुबे अभिषेक सिंह विद्यालय के प्राचार्य बागर साय, सूर्य प्रताप कुशवाहा व्याख्याता नयन केसरी सहित छात्राएं उपस्थित रही।
2024 के पहले मिलेगा नया स्कूल भवन
विधायक बृहस्पत सिंह ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि 2024 के पहले खेल मैदान के साथ आप लोगों नया भवन उपलब्ध हो जाएगा श्री सिंह ने लाइब्रेरी के लिए 1 लाख रुपय एवं फर्नीचर के लिए 1.5 लाख रुपय देने की घोषणा की वहीं विद्यालय के सभी छात्राओं को कॉपी पेन व खेल सामग्री प्रदान किया। सामूहिक नृत्य प्रस्तुत करने वाली छात्राओं के 2 समूह को दश दश हजार रुपय देने की घोषणा की।
प्रतिभावान छात्र छात्राओं के गरीबी के कारण नहीं होगी पढ़ाई प्रभावित
विधायक बृहस्पत सिंह ने छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया कि हमारे विधानसभा में कई ऐसे छात्र-छात्राों हैं, जो बहुत ही प्रतिभावान हैं, जो बहुत आगे जा सकते हैं परंतु गरीबी के कारण पढ़ाई प्रभावित हो रही थी, जिसकी मैंने मदद की। आगे भी यदि कोई छात्र-छात्रा प्रतिभावान है और पढऩा चाहता है मैं उसकी भरपूर मदद करूंगा।