धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 20 नवंबर। कुरुद विधायक इन दिनों गुजरात विधानसभा चुनाव में व्यस्त हैं। उन्हें पार्टी ने नंदोड विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी डॉ. दर्शना बेन देशमुख के चुनावी नैया पार लगाने की जिम्मेदारी सौंपी है। इसके पूर्व कांग्रेस ने भी यहां के मंडी अध्यक्ष नीलम चन्द्राकर को हिमाचल प्रदेश के मण्डी जिला का सहायक प्रभार और सेराज विधानसभा का मुख्य प्रभारी बनाकर भेजा था।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के पिछले चुनाव में कुरुद विधानसभा में एक-दूसरे से दो-दो हाथ कर चुके भाजपा के अजय चन्द्राकर एवं कांग्रेस के नीलम चन्द्राकर की क्षमताओं से वाकिफ पार्टी संगठन समय समय पर अन्य राज्यों के चुनावों में इनका उपयोग करती रही है।
इसी परिप्रेक्ष्य में केन्द्रीय चुनाव समिति के निर्देश पर कुरुद विधायक एवं भाजपा के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य अजय चंद्राकर इन दिनों गुजरात में अपना जलवा दिखा रहे हैं। शनिवार को नंदोड़ विस क्षेत्र के ग्राम केवडिय़ा, पटना, गंदेश्वर, टकारी, साहेराव, गिओरपति में आमसभा कार्यकर्ता बैठक लेकर पार्टी प्रत्याशी को जीताने सुबह से रात तक मेहनत कर रहे हैं।
पार्टी आदेश पर पॉंच दिवसीय गुजरात दौरे पर गए श्री चंद्राकर का साथ देने गुजरात स्टेट लीडर धर्मेंद्र भाई पंचम, सांसद भरूच मनसुख भाई बस्वा, पुर्व विधायक सबदर्शन तांडवी, पुर्व राज्यसभा सांसद और संगठन महामंत्री भरतसिंग परमार, घनश्याम पटेल, जितेश भाई, राकेश ठाकुर, ऋषभचंद जैन आदि को लगाया गया है।
इसी तरह कांग्रेस ने भी कुरुद के धाकड़ नेता नीलम चन्द्राकर को हिमाचल प्रदेश चुनाव के लिए सेराज विधानसभा का प्रभारी बनाया था। पिछले महीने अखिल भारतीय काँग्रेस कमेटी के हिमाचल प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला, हिमाचल प्रदेश चुनाव प्रभारी एवं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशा पर देशभर से चुनिंदा और मेहनती कार्यकर्ताओं को अलग- अलग विधानसभा का प्रभार दिया गया था।
इसी कड़ी में मण्डी अध्यक्ष नीलम चन्द्राकर को हिमाचल के राजनीतिक दृष्टिकोण से सबसे महत्वपूर्ण जिला मण्डी का सहायक प्रभार और सेराज विधानसभा का मुख्य प्रभारी नियुक्त किया गया।
इसके पहले भी उन्हें उत्तर प्रदेश चुनाव में वाराणसी जिले के रोहनिया विधानसभा का प्रभारी, छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ उपचुनाव में प्रभार दिया गया था। बहारहाल कुरुद के इन दो बड़े नेताओं को उनकी पार्टी ने वर्तमान में जो बड़ी जिम्मेदारी दी है। इनमें से किसने वहां जाकर कैसा काम किया इसका फैसला चुनाव परिणाम के बाद ही पता चलेगा।