बिलासपुर
संघ ने निकाला पथ संचलन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
करगीरोड कोटा,21 नवंबर। राष्ट्र्रीय स्वयंसेवक संघ बिलासपुर ने स्वाधीनता दिवस के अमृत महोत्सव के अंतर्गत विशाल पथ संचलन का आयोजन किया। विशाल पथसंचलन गुरुनानक स्कूल, कुंदन पैलेस और धान मंडी तोरवा से निकल कर नार्थ ईस्ट इंस्टीट्यूट फुटबॉल मैदान में पहुंचा।
पथ संचलन में बिलासपुर जिला और नगर के लगभग 3000 से अधिक स्वयंसेवकों ने पथ संचलन किया। पथ संचलन में बिलासपुर नगर की सभी 67 बस्तियों एवं 57 मंडलो ने सक्रियता से सहभागिता की।
पथ संचलन के दौरान जगह जगह स्वयंसेवकों पर गणमान्य नागरिकों ने पुष्प वर्षा की और उनका जय श्री राम, वंदेमातरम और भारत माता की जय से स्वागत किया। कार्यक्रम में विविध संगठनों के प्रमुखों ने भी सहभागिता की।
कार्यक्रम मुख्यत: चलो गांव की ओर विषय पर केंद्रित रहा। मंच पर छत्तीसगढ़ प्रांत के माननीय संघचालक डॉ.पूर्णेंदू सक्सेना, कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्ध वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ डॉ. लाकेश चंद्र मढरिया, कार्यक्रम में मुख्य वक्ता राम माधव और कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राम कृष्ण मिशन बिलासपुर के सचिव सेवाव्रता नंद मंचासीन रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राम कृष्ण मिशन बिलासपुर के सचिव सेवाव्रता नंद ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमें स्वामी विवेकानंद से शिक्षा लेने की आवश्यकता हंै। हमें समझना होगा हमारा धर्म क्या हैं संगठित होना होगा। भारत में विविध धर्म हंै। हिंदू धर्म में बहुत सी विविधता हैं। धर्म भारतीय जीवन का मूल मंत्र हंै। भारतीय एकता का रेखांकन करना आवश्यक हैं।
हम कहते हैं भारत धर्म निरपेक्ष देश हैं इसका अर्थ हंै कि किसी को भी अपने धर्म के पालन में कोई परेशानी नहीं होगी। सब अपने अपने धर्म का पालन कर सकेंगे। लेकिन दुर्भाग्यवश इसके अर्थ का अनर्थ कर दिया गया।
धर्म की रक्षा के लिए हमारे पूर्वजों ने अपना जीवन होम कर दिया किंतु अपने धर्म से समझौता नहीं किया। स्वामी विवेकानंद ने कहा हंै धर्म ही जीवन और संस्कृति का मूल मंत्र है। भारतीय मन पहले धार्मिक है फिर कुछ और। भारत के मूल आदर्श का सभी को पालन करना होगा तभी हमारा जीवन सार्थक हो सकता है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्ध वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ डॉ. लाकेश चंद्र मढरिया ने अपने उद्बोधन में कहा कि मैं स्वयसेवकों का पथ संचलन देखकर अभिभूत हूं। हिंदू धर्म और सनातन संस्कृति ही हंै जो सभी के कल्याण एवं सभी के निरोगी होने की कामना करती हंै साथ ही सर्वत्र शांति व्याप्त हो इसके लिए प्रयत्न भी करती है और यही हिंदू संस्कृति का मूल आधार हंै।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर पधारराम माधव ने अपना वक्तव्य देते हुए कहा यह पथसंचलन राष्ट्र्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रभाव का हैं। वर्तमान में करोड़ों स्वयंसेवकों एवं 60 हजार से ज्यादा शाखाओं के साथ संघ 100 साल का होने वाला हंै
संघ कोई संगठन नहीं हंै यह एक सोच है विचार हंै। मंच पर विराजमान डॉ. साहब और स्वामी संघ से नहीं हैं लेकिन संघ के हैं। यही विचार हंै संघ का। हिंदुत्व का विचार राष्ट्र्र के केंद्र में हंै। यह प्रभाव है राष्ट्र्रीय स्वयंसेवक संघ का। एक समय था जब हिंदू शब्द को सांप्रदायिक कहा जाता था लेकिन विचार बदला है लोगों में मैं सबसे बड़ा हिंदू हूं यह कहने की होड़ लगी हुई हंै।
वर्तमान में सभी दल हिंदू धार्मिक चिन्हों को सामूहिक रूप से दिखा रहे हैं। हिंदू और हिंदुत्व को अलग अलग दिखाने की कोशिश की जा रही हैं लेकिन ये दोनो अलग नहीं हैं। हिंदू धर्म का विचार और व्यवहार ही हिंदुत्व हैं।
स्वाधीनता के अमृत महोत्सव में बलिदान हुए सभी महापुरुषों के प्रति श्रद्धा रखना हंै। कुछ लोग सावरकर को बदनाम कर रहे हैं। अंग्रेजों से जोड़ रहे हैं। कौन ऐसा होगा जिसे उसके ही जानने वालों ने दो बार काला पानी की सजा सुनाई होगी।
देश को जोडऩा देश को साथ लेकर चलना सच्चा हिंदू विचार हंै। हिंदू हिंदुत्व एक हंै। धर्म की जय हो और अधर्म का नाश हो इसके लिए कार्य करना हंै। व्यवस्था जब बनती है तब कुछ अच्छा करने के लिए बनती हंै लेकिन समय के साथ सभी में परिवर्तन आता हंै इसमें विसंगतियां आती हैं। उसे ठीक करना पड़ता हंै।
सभी जातियों के साथ मिल-जुल कर रहना, सद्भावना के साथ रहना यही हिंदुत्व का अर्थ हंै। महिलाओं का सम्मान केवल विचार से ही हो सकता हंै और वो विचार हिंदुत्व में हंै। हम महिलाओं का सम्मान करने वाले लोग हैं। स्त्री स्वयं में दुर्गा, महिषासुर मर्दिनी हंै, उसे रक्षा की नहीं सम्मान की जरूरत हंै। हिंदू जीवन जीने की पद्धति हैं। संघ लोक कल्याण एवं सद्भावना के विचार से चलने वाला संगठन हंै। संघ का पूरा कार्य धर्म के लिए हैं। यह समाज के अंतिम व्यक्ति के कल्याण के लिए कार्य करता हंै।
कार्यक्रम का संचालन गोवर्धन ने किया एवं आभार प्रदर्शन तारणीश ने किया। कार्यक्रम में प्रांत प्रचारक प्रेम सह प्रांत प्रचारक नारायण, प्रांत कार्यवाह चंद्रशेखर, विभाग संघ चालक प्रदीप, सह विभाग संघचालक डॉ. विनोद, जिला सह संघचालक प्रदीप, नगर संघचालक रणवीर, विभाग कार्यवाह गणपति, विभाग प्रचारक गणेश, डॉ. प्रफुल्ल , बिलासपुर सांसद अरुण साव , विधायक धरमलाल इसके साथ ही कार्यक्रम में शहर के गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।