धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरूद, 21 नवंबर। कुरूद से कुछ किलोमीटर दूर बहने वाली महानदी किनारे के गांवों में बड़े पैमाने पर रेत की अवैध खुदाई की शिकायतें मिल रही है।
गौरतलब है कि कुरूद व मगरलोड तहसील के नदी किनारे बसे गांवों में लंबे समय से रेत का अवैध कारोबार चल रहा है। बताया गया है कि ग्राम मंदरौद, सेल्दीप, जोरातराई, दोनर, चारभाठा, नारी, गुदगुदा, भोथा, हरदी, गिरौद, डाभा, मेघा, सौंगा, लडेर, अमलीडीही आदि गांवों से दिन रात मशीनों की मदद से रेत निकाली जा रही है। एनजीटी के नियमों को दरकिनार कर रेत खनन करने वालों को पर्यावरण की बिगड़ती सेहत से कोई फर्क नहीं पड़ रहा। रविवार को देखा गया कि मेघा एनीकेट से कुछ दुरी पर दिन दहाड़े तीन मशीन से रेत उत्खनन किया जा रहा था।
आसपास के ग्रामीणों ने बताया कि रेत निकालने के लिए नदी के बीच में बड़े- बड़े पाइप डालकर कई जगह कच्चे पुल बनाकर नदी की धारा बदल दी गई है। जिससे नदी में सालों साल सब्जी उत्पादन करने वाले किसानों की स्थिति गंभीर हो गई है है। नदी की प्राकृतिक बहाव बदलने एवं दिनरात हो रही खुदाई के चलते इलाके के सैकड़ों सब्जी उत्पादक किसानों ने नदी में फ़सल लगाना बंद कर दिया है। जिससे उन परिवारों के समक्ष रोजी रोटी का संकट गहरा गया है।
इस बारे में माइनिंग अधिकारी श्री कुलार्य से ‘छत्तीसगढ़’ ने फोन पर संपर्क किया गया, लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई।