महासमुन्द

उद्यमिता विकास और सार्वजनिक निजी सहकारी भागीदारी के सृदृढ़ बनाना पर सहकारी संगोष्ठी
23-Nov-2022 2:45 PM
उद्यमिता विकास और सार्वजनिक निजी सहकारी भागीदारी के सृदृढ़ बनाना पर सहकारी संगोष्ठी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 23 नवंबर।
बीते 18 नवंबर को प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्या. खोपली के धान खरीदी केंन्द्र खोपली में जिला सहकारी संघ मर्या. महासमुंद के तत्वावधान में सहकारी सप्ताह का आयोजन किया गया। इसका मुख्य विषय ‘‘ उद्यमिता विकास और सार्वजनिक निजी सहकारी भागीदारी के सृदृढ़ बनाना’’ भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ नई दिल्ली द्वारा रखा गया था।

इस कार्यक्रम (एक दिवसीय सहकारिता सप्ताह) के मुख्य अतिथि रमन लाल वर्मा पूर्व अध्यक्ष प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्या. खोपली, अध्यक्ष लीलाधर चन्द्राकर विशेष अतिथि चन्द्रशेखर (पूर्व सरपंच) दिनेश चन्द्राकर कृषक सदस्य खोपली थे। प्रशिक्षण कार्य के शुभारंभ में एस. आर. बंजारे जिला प्रचार प्रसार अधिकारी ने सहकारिता की परिभाषा और साख/असाख सहकारी समितियों के माध्यम से किये जाने वाले कार्यो और योजनाओं के बारे में उपस्थित सदस्यों/पदाधिकारियों/ प्रतिनिधियों को बताया।
उन्होंने यह बताया कि 6 जुलाई 2021 को नये सहकारिता मंत्रालय के गठन के पश्चात् भारत में सहकारिता आंदोलन के विकास के लिये नये सिरे से रूचि पैदा हुई है। गरीबी उन्मूलन, खाद्य, सुरक्षा और रोजगार सृजन की समस्याओं से निराकरण में सहकारी माडल के निहित लाभ हैं। इनमें इनपुट सेवायें प्रदान करने वाली पोल्ट्री से संबंधित गतिविधियों को शुरू करने वाले किसानों को समय पर पर्याप्त और डोर स्टेप क्रेडिट समर्थन के प्रवाह को प्रसंस्करण, विपणन, सिंचाई, मछलीपालन, बागवानी, दुग्ध, कपड़ा, उपभोक्ता , आवास और स्वास्थय के बारे में आर्थिक सहयोग की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि शासन द्वारा ऐसे कार्य करने वाली संस्थाओं को उचित रूप से ऋण के साथ अनुदान की सीमा वृध्दि किया जानी चाहिये। सहकारी संस्थायें पूंजी केंन्द्रित संगठनों के बजाय जन केंन्द्रित हैं. सामाजिक आर्थिक गतिविधियों जैसे ऋण, उपभोक्ता, विपणन, आवास, परिवहन, श्रम, पर्यटन आदि सभी क्षेत्रों में लगभग 8.5 लाख से अधिक सहकारी संगठन मौजूद है।

सार्वजनिक और निजी भागीदारी एक विशिष्ट उद्देश्य के लिये किया जाता हैै। इससें दीर्घकालीन अनुबंध शामिल हेाते है। निजी भागीदारी लाभकारी संगठन आम तौर पर अपने मालिक श शेयरधारकों के प्रति जवावदेह होता है किन्तु सार्वजनिक क्षेत्र को आम जनता और दबाव समूहों के गहन जांच का सामना करना पड़ता है। उक्त कार्यक्रम में 56 कृषकों ने प्रशिक्षण लिया। कार्यक्रम में सहकारी बैंक के कर्मचारी और अधिकारी भी सम्मिलित हुए। आभार प्रदर्शन दिनेश चन्द्राकर एवं चन्द्रशेखर पूर्व सरपंच ने किया। इस दौरान उत्कृष्ठ कार्य करने वाले कुल 12 लोगों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।  
 

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