महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सरायपाली, 23 नवंबर। ब्लॉक में वर्षों पुराने कई प्राथमिक और मिडिल की भवन जर्जर हालत में पहुंच गई है। भवन जर्जर होने पर नए भवन के लिये जगह का अभाव के कारण स्वीकृति भी नहीं मिल रही है तो कहीं वैकल्पिक के तौर पर अन्य स्थान पर कक्षायें संचालित की जा रही है।
कलेक्टर द्वारा जर्जर भवन को चिन्हाकित कर डिस्मेंटल करने आदेश भी जारी किया गया है, लेकिन उनके आदेश का पालन कहीं पर भी नहीं हो रहा है,जर्जर भवन का डिस्मेंटल न करने से कहीं मैदान की कमी तो कहीं नए भवन की स्वीकृति नहीं मिल रही है और विद्यार्थियों को भी उक्त जर्जर भवन से खतरा बना हुआ है।
ब्लॉक में जर्जर भवन स्कूलों की बात करें तो शहर के समीप ग्राम बोंदा में देखा जा सकता है जहां भवन जर्जर होने के बावजूद उसे डिस्मेंटल नहीं किया जा रहा है, जिसके चलते खेल मैदान का अभाव है और आंधी तूफान से गिर रहे छप्पर से भवन के समीप गुजर रहे व बैठे विद्यार्थियों को भी खतरा बना हुआ है।
इसी तरह ग्राम छिंदपाली के मिडिल स्कूल के जर्जर भवन से विद्यार्थियों को खतरा बना हुआ है, छत में कई स्थानों पर बड़े-बड़े छेद हो गए हैं जर्जर स्कूल भवन में कहीं पर दरवाजा नहीं है, चारों ओर से दरवाजा टूटा है। छठवी से आठवीं तक के विद्यार्थी को उक्त जर्जर भवन से खतरा बना हुआ है, भवन के न टूटने से स्कूल में मैदान का भी अभाव है, ऐसे स्थान पर नए भवन बना है कि नए भवन जाने के लिए पुराने भवन से होकर जाना जरूरी है, नये भवन जाने के लिए भी जगह की कमी है जिससे कभी भी शिक्षकों, विद्यार्थियों के साथ जर्जर भवन के छप्पर व लकड़ी के गिरने से अप्रिय घटना घट सकती है। शिक्षकों की ओर से भी भवन जर्जर होने व डिस्मेंटल करने लिखित में अपने विभाग के उच्च अधिकारियों को दे चुके हैं, बावजूद भवन को तोडऩे विभाग गंभीर नहीं है।