महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,23 नवंबर। महासमुंद जिले में किसानों से धान उपार्जन किये जाने का कार्य द्रुत गति से चल रहा है। किसानों से धान की खरीदी सुगमता पूर्वक उपार्जन केंद्रो में की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि जिले में आज तक 35 हज़ार किसानों से 13.35 लाख क्विंटल का धान उपार्जन किया जा चुका है। धान का उठाव भी तेज़ी से हो रहा है। जिसकी राशि का भुगतान भी किसानों को आनलाईन माध्यम से किया जा रहा है।
उक्त जानकारी कलेक्टर निलेश कुमार क्षीरसागर को कल समय-सीमा की बैठक में अधिकारियों ने दी। कलेक्टर श्री क्षीरसागर ने पशुओं में लम्पी स्किन डिसीज संक्रमण में पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। साथ ही इस रोग की रोकथाम एवं
नियंत्रण हेतु आवश्यक उपाय करने कहा। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एस आलोक, वनमण्डलाधिकारी पंकज राजपूत, अपर कलेक्टर दुर्गेश कुमार वर्मा, एसडीएम उमेश साहू सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर ने कहा कि जिले में धान फसल की कटाई में तेजी आ रही है। जिन क्षेत्रों में धान के बाद रबी फसल लिया जाता है वहां किसान धान कटाई के बाद खेत में पड़े पराली को जला देते हंै। इसके संबंध में किसानों को भ्रम है कि पराली जलाने के बाद अवशेष राख से खेत को खाद मिलेगा तथा खेत साफ हो जाएगा। लेकिन यह सोचना गलत है। क्योंकि पराली जलाने से भूमि की उपजाऊ क्षमता तथा लाभदायक कीट भी खत्म हो जाती है।
कलेक्टर ने जिले की सभी गौठानों में पर्याप्त मात्रा में पैरादान करने के लिए किसानों को प्रेरित करने पर बल दिया। उन्होंने किसानों से पैरादान करने की अपील की। उन्होंने कहा कि अधिक पैरादान करने वाले किसानों को मुख्यमंत्री के महासमुंद के आने पर उनके हाथों से सम्मानित भी कराया जाएगा।