महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सरायपाली, 24 नवंबर। ब्लॉक में शहर सहित ग्रामीण अंचलों में सैकड़ों की संख्या में मेडिकल स्टोर संचालित है, जिसमें से कई मेडिकल स्टोर्स के संचालक किराए से फार्मासिस्ट की डिग्री लेकर संचालित कर रहे हैं। यह भी शिकायत आई है कि पर्ची में उल्लेेखित दवाई न होने पर दूसरी कंपनी का दवाई दे दे रहे हैं। इससे मरीजों को समस्याएं भी आ रही है।
इस सिलसिले में खंड चिकित्सा अधिकारी बीबी कोसरिया ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में कहा कि अभी इस तरह की कोई शिकायत नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि शिकायत आने पर जांच की जाएगी और कार्रवाई के लिए उच्च कार्यालय को प्रेषित की जाएगी।
बताया गया कि जिसके नाम से फार्मासिस्ट की डिग्री है, वो कभी मेडिकल स्टोर्स में नजर नहीं आते, बल्कि उनके स्थान पर अन्य व्यक्ति मेडिकल का संचालन कर रहे होते है,डॉक्टरों के द्वारा मरीजों के लिए लिखें दवाई पर्ची बिना डिग्रीधारी के द्वारा दिया जाता है। कई दवाईयां उसी कंपनी की नहीं मिलती तो वही दवाई अन्य कंपनी की है कहकर दवाइयां थमाते मेडिकल दुकानों में देखा जा सकता है, बिना डिग्रीधारी इस तरह के कार्य को अंजाम दे रहे हैं, जिससे मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। जानकारी अनुसार ब्लॉक में डेढ़ सौ से अधिक मेडिकल स्टोर संचालित है जिसमें कुछ दर्जनों मेडिकल स्टोर्स को छोड़ अधिकांश मेडिकल स्टोर्स किराए की डिग्री से संचालित हो रही है। फार्मासिस्ट के डिग्री प्राप्त करने के पश्चात अपने परिवार, परिजन या दोस्त को मेडिकल स्टोर संचालित करने डिग्रीधारी के द्वारा लायसेंस दे दिया जाता है और वह खुद अन्य कार्य करते हैं। यह भी पता चला है कि कुछ स्थानों पर तो मेडिकल स्टोर्स संचालित करने डिग्रीधारी के लाइसेंस से उनके डिग्री से मंथली राशि देकर उनके नाम पर मेडिकल का भी संचालन किया जा रहा है।
ड्रग इंस्पेक्टर को प्रत्येक मेडिकल स्टोर्स में महीने में एक बार निरीक्षण के लिए जरूर पहुंचे, लेकिन एक बार की बात तो दूर साल में एक बार भी मेडिकल स्टोर्स के यहां ड्रग इंस्पेक्टर नहीं पहुंच रहे हैं।