धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी, 24 नवंबर। एक दिसम्बर से छत्तीसगढ़ के विधानसभा में आरक्षण को लेकर विशेष सत्र रखा गया है जिसमे इस बार पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण का अध्यादेश नही लाया गया तो पिछड़ा वर्ग समाज के द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा।
उक्त बातें पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ के जिलाध्यक्ष अंगेश हिरवानी ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा। हिरवानी ने आगे कहा है कि पिछड़ा कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश साहू एवं संगठन मंत्री देवा राम साहू के नेतृत्व में विगत कई वर्षों से निरंतर 27 प्रतिशत आरक्षण सहित विभिन्न मांगों को लेकर पिछड़ा वर्ग समाज के लोग संघर्ष करते आ रहे है ।
लेकिन सरकार ने आरक्षण देने में रुचि नही लिया, वर्तमान भूपेश सरकार के द्वारा पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा किया भी तो वह मामला हाईकोर्ट में जाकर अटक गया। जिससे पिछड़ा वर्ग समाज अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। हिरवानी ने आगे कहा कि आने वाले 1 दिसंबर से विधानसभा में आरक्षण को लेकर विशेष सत्र बुलाया गया है।
अगर इस बार भी इस सत्र में पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण का अध्यादेश नही लाया गया तो पिछड़ा वर्ग समाज के द्वारा सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन कर आने वाले विधानसभा चुनाव में सबक सिखाने के लिए शपथ लिया जाएगा ।
संघ के प्रदेश सहसचिव देवेंद्र सेन ने कहा कि क्वान्टिफ़ायबल डाटा आयोग के द्वारा ओबीसी का जनगणना कार्य पूर्ण हो चुका है और आयोग ने हाल ही में अपना रिपोर्ट सरकार को सौंप चुका है। जिसमें सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि पिछड़ा वर्ग का जनसंख्या छत्तीसगढ़ में 50 प्रतिशत है जिस आंकड़ा को सरकार द्वारा विधानसभा पटल में रखकर 27 प्रतिशत आरक्षण अतिशीघ्र लागू करना चाहिए।
जिला उपाध्यक्ष वेदराम साहू ने कहा कि पिछड़ा वर्ग को यदि 27 प्रतिशत आरक्षण मिल जाता है तो हमारे समाज के सभी लोगो का सर्वांगीण विकास संभव हो जाएगा वर्तमान समय में हमारे बच्चों को आरक्षण के कारण पढ़ाई में, नौकरी में एवं अनेक कामकाजों में उचित भागीदारी नहीं मिल पाती जिससे की इनमें हीन भावना एवं वर्ग संघर्ष की भावना पैदा हो जाती है।