दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
उतई, 24 नवंबर। छत्तीसगढ़ में वर्ष 2002 से प्रादुर्भाव हुए ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में मितानिन लगातार काम कर रही है। जो रीढ़ की हड्डी साबित हो रहा है ।
ठीक इक्कीस वर्ष पूर्व मितानिनों को स्वास्थ्य संबंधी विभाग की चाहे राज्य की योजनाएं हो या फिर केंद्र पोषित योजनाएं हो जमीन में उतारने का कार्य पूरी निष्ठा के साथ कर रही है।
इसी तारतम्य में ग्राम पंचायत रिसामा के सभी मितानिनों का सम्मान जिला पंचायत अध्यक्ष शालिनी रिवेंद्र यादव के आतिथ्य में शाल श्रीफल भेंट कर किया गया। जंहा अतिथि उद्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ की मितानिन पूरे देश मे अपने काम के दाम पर रोल मॉडल बने है।
जिसके काम को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सराहा है। मितानिन बहने अपनी जान व भविष्य की चिंता किए बगैर अपने आम ग्रामीणों की सेहत की फि़क्र करती हैं और हमेशा जीवन के नाजुक समय मे साथ निभाती हैं।
इनका सम्मान मितानिन होने से ही हो रहा है। ऐसा नही बल्कि इनके काम की बदौलत सम्मान हो रहा है। मितानिनों का सम्मान कर हम खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे है। सरपंच गीता बैकुण्ठ महानंद ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मितानिनों का सहयोग स्वास्थ्य क्षेत्र के अलावा ग्राम विकास में भी बढ़ चढ़ रहता है, ग्रामीण भी मितानिनों का व्यवसायी डॉक्टरों से ज्यादा सम्मान करते हैं।
आज के मितानिन सम्मान के अवसर पर ललित साहू समन्वयक, मनोरमा साहू प्रशिक्षक, मितानिन पूर्णिमा पटेल, प्रभा साहू, मीना साहू, जानकी पटेल , शैल कुमारी यादव, लता चंद्राकर, रेखा निर्मलकर ए एन एम, ईश्वरी साहू, बैकुंठ महानंद गौठान अध्यक्ष ,तीर्थराज चंद्राकर, ग्रामीण कृषि क्षेत्र विस्तार अधिकारी वर्मा, पंच गण सहित ग्रामीण उपस्थित रहे।