सरगुजा
संजीवनी कैंसर केयर फाउंडेशन व नागरिक सेवा समिति का निशुल्क कैंसर परामर्श शिविर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 27 नवंबर।संजीवनी कैंसर केयर फाउंडेशन द्वारा अबिकापुर में रविवार, 27 दिसंबर को निशुल्क कैंसर परामर्श शिविर एवं लोगी मै कैंसर के प्रति जागरूकता के लिए पत्रकार वार्ता करवाई गई। नागरिक सेवा समिति के अजय बंसल एवं अग्रवाल समाज के सहयोग से आयोजित शिविर में अंबिकापुर के नागरिको ने उत्साह के साथ निशुल्क कैंसर परामर्श का लाभ उठाया।
इस वार्ता में रक्त रोग एवं ब्लड कैंसर विशेषज्ञ डॉ विकास गोयल ने कहा की ल्यूकेमिया (खून का कैंसर) रक्त बनाने वाली कोशिकाओं का एक कैंसर है जो कि शरीर की संक्रमण से लडऩे की क्षमता को कमजोर कर देता है। ल्यूकेमिया. के कुछ आम लक्षणों में बुखार या ठंड लगना, लगातार थकान और कमजोरी आना, बार-बार बीमारियों से संक्रमित हो जाना, बिना कोशिश किए वजन कम हो जाना, सूजे हुए लिम्फ नोड्स, चोट लगने पर आसानी से खून बहना, बार-बार नाक से खून बहना, और आपकी त्वचा मे छोटे लाल धब्बे हो जाना जैसे कुछ लक्षणों से सावधान रहना चाहिए।
कीमोथेरेपी विशेषज्ञ डॉ अनिकेत ठोके ने कीमो थेरेपी के बारे में बताया कि, यह एक ऐसी थेरेपी है जिसमे दवाओं का उपयोग करके कैंसर पीडि़त के शरीर में कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है। यह आमतौर पर कैंसर कोशिकाओं को बढऩे, विभाजित होने और अधिक कोशिकाएं बनाने से रोकते का काम करती है। कैंसर उपचार में कीमोथेरेपी का बहुत अहम योगदान है, यह आपके कैंसर को कम कर सकती है या इसके विकास को धीमा कर सकती है, जिससे आपके लक्षणों के कम होने में और एक बेहतर जीवन पाने से मदद मिल सकती है। इसे सर्जरी या रेडिएशन थेरेपी से पहले ट्यूमर को सिकोडऩे के लिए और सर्जरी के बाद में पीछे छूटी और छुपी हुई कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
रोबोटिक एवं सीनियर कैंसर सर्जन डॉ. अर्पण चतुमोहता ने रोबोटिक सर्जरी के बारे में बताया कि रोबोट से छोटे से छोटे ट्यूमर व कैंसर बड़ा व स्पष्ट दिखने से मानवीय भूल की संभावना कम होती है। इसके इंडोस्कोप व आर्म बहुत छोटे चीरों से शरीर के अंदर पहुँचकर डीप एरीया में जाकर सटीक व सार्थक सर्जरी कर सकते हैं। इसमें रोबोटिक सर्जन्स ही, रोबोट के आर्म को चलाते हैं। व कैंसर की सफलता पूर्वक सर्जरी कर देते हैं। इस सर्जरी से छोटा चीरा स्पीडी रिकवरी व कम हॉस्पिटलइजेशन होता है।
रोबोटिक, लैप्रोस्कोपिक कैंसर सर्जन डॉ. दिवाकर पांडेय ने लेप्रोस्कोपिक कैंसर सर्जरी के बारे में बताते हुए कहा की यह मिनिमली इनवेसिव कैंसर सर्जरी (रोबोटिक सहायता के साथ या उसके बिना) ओपन प्रोसीजर के समान परिणाम प्रदान करती है। साथ ही, लैप्रोस्कोपिक सर्जरी से सर्जिकल जटिलताओं और पोस्ट-ऑपरेटिव रिकवरी समय को कम किया जा सकता है।
लेप्रोस्कोपिक सर्जरी एक ऐसी उपचार पद्धति है जिसमे सर्जरी को बदले बिना, यह उस तरीके का बदलती है जिसके द्वारा सर्जरी की जाती है। इसका उपयोग मिनिमम इनवेसिव सर्जरी, स्पीडी रिकवरी और आसान प्रक्रिया के लिए किया जा सकता है। इसके कुछ फायदों में कम समय तक हॉस्पिटलाइजेशन, आईसीयू से जल्द डिस्चार्ज, ब्लड लॉस की संभावनाएं कम होना, वेंटिलेटरी सपोर्ट की कम संभावनाएं होना, स्कारलेस या कीहोल सर्जरी के कारण बेहतर कॉस्मेसिस, ओपन सर्जरी की तुलना में छोटे कट के कारण कम दर्द एवं स्पीडी रिकवरी शामिल हैं।
इम्यूनो थैरेपी विशेषज्ञ एवं मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. राकेश मिश्रा ने बताया कि इम्यूनोथेरेपी एक ऐसा उपचार है जो कैंसर जैसी बीमारियों से लडऩे के लिए किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली के कुछ हिस्सों का उपयोग करता है। यह दो तरीकों से किया जा सकता है, पहला, आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली की प्राकृतिक सुरक्षा को स्टिमुलेट या बूस्ट (उत्तेजित करके ताकि यह कैंसर कोशिकाओं को खोजने और उन पर हमला करने के लिए बेहतर काम करे और दूसरा ऐसे केमिकल का उपयोग करके जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली के एलिमेंट की तरह काम करें और कैंसर कोशिकाओं को खोजने तथा उन पर हमला करने के लिए आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली की मदद करे।
इस कार्यक्रम में मौजूद कैंसर विशेषज्ञों ने बताया की कैंसर के बारे में जानकारी पाने का सबसे बेहतर तरीका डॉक्टर से सलाह लेना ही है। कैंसर से एक कदम आगे रहने के लिए नियमित स्क्रीनिंग करवाना बहुत फायदेमंद हो सकता है। यदि आपको कैंसर के कोई भी लक्षण को नोटिस करते हैं और वे गायब नहीं होते हैं. तो समय आ गया है कि आप डॉक्टर से जाकर चेकअप कराएं और परामर्श लें।
गौरतलब है कि संजीवनी कैंसर केयर फाउंडेशन के चिकित्सकों द्वारा तेज डायग्नोस्टिक माता राजरानी मेमोरियल हॉस्पिटल में हर महीने के आखिरी बुधवार को विजिट करके जरूरतमंद लोगों निशुल्क सही सलाह दी जाती है। आज आयोजित शिविर में पहुंचे लोगों को जांच में तेज डायग्नोस्टिक के द्वारा 50 प्रतिशत की छूट भी दी गई।