गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 30 नवंबर। मार्ग शीर्ष शुक्ल पंचमी तिथि को सनातन काल से चली आ रही परंपरा को नगर वासियो द्वारा मानते हुए भगवान श्री राम चंद्र जी का माता जानकी जी के साथ विवाह समारोह जीवंत चित्रित करते हुए विधि विधान से विवाह समारोह बड़े हर्षोल्लास के साथ नगर वासियो द्वारा मनाया गया।
सोमवार को मार्ग शीर्ष शुक्ल पंचमी तिथि को नगर वासियो के द्वारा भगवान श्रीराम चन्द्र जी व माता जानकी का विवाह समारोह को लेकर विगत पांच दिवस से नगर के राम भक्तो के द्वारा इस कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु पूरी तैयारी में जुटे रहे, नगर के सिविल लाईन स्थित श्री राम जानकी मंदिर से बारात बड़े धूमधाम से हर्षोल्लास के साथ नगर के पुरानी बस्ती कुम्हार पारा के लोगों ने बड़ी बैठक कर अपने वार्ड में स्थित राधे कृष्ण मंदिर को जनकपुर के रूप में मां जानकी जी का रनिवास बनाया कार्यक्रम के तय अनुसार बारात पूरे धूमधाम से शाम पांच बजे सैकड़ों राम भक्तों के साथ जनक पर के लिए नगर के मुख्य मार्ग होते हुए जनकपुर पहुंची जहाँ पूरे जनकपुर वासी बारात स्वागत कर मां जानकी ने श्री राम जी के गले में जयमाला डालकर विवाह परंपरा का निर्वहन किया साथ ही चौथिया का भी रस्म पूरा कर पूरे विधिविधान से बिदाई की गई जिसकी चर्चा पूरे नगर में रहा।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु मनोज खरे, परस देवांगन, प्रकाश निर्मल्कर, तरुण यादव, आशीष शर्मा, ऋ तिक सिन्हा, संदीप सरकार, भानूप्रकाश सिंह राजपूत, विनय दासवानी, गेंद लाल सिन्हा, गोपाल सिन्हा, जीवन सिन्हा, आशु कंशारी, मुरली सिन्हा, योगेश्वर निषाद, दिलीप यादव, योगेंद्र कनोजे, नीरज सिन्हा, खोवा सिन्हा, रमेश चक्रधारी, लेखन चक्रधारी, संत राम चक्रधारी,चोवा राम, रमेश सिन्हा, छोटू सिन्हा, मिलेशवरी साहु,वंदना साहू, पूर्णिमा तिवारी, दिलीप राजपूत, पुष्पक देवांगन, सत्संग मानस परिवार का विशेष सहयोग रहा है।