मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर

अनुकंपा नियुक्ति के लिए साढ़े 4 साल से भटक रही दिवंगत कॉलरीकर्मी की पत्नी,
02-Dec-2022 2:12 PM
अनुकंपा नियुक्ति के लिए साढ़े 4 साल से भटक रही दिवंगत कॉलरीकर्मी की पत्नी,

 जीवन समाप्त करने की बात कही
 केंद्रीय रा’यमंत्री के पत्र के बाद भी नहीं जाग रहे एसईसीएल के अधिकारी 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 2 दिसम्बर।
एसईसीएल हसदेव क्षेत्र के मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय के सचिवालय में काम करने वाले स्व. कुंजूलाल मेहरा की पत्नी संध्या मेहरा पिछले करीब साढ़े 4 साल से अनुकंपा नियुक्ति के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही है। उसने अक्टूबर  में प्रधानमंत्री के नाम संबोधित पत्र केंद्रीय रा’यमंत्री रेणुका सिंह को सौंपकर आत्मदाह की अनुमति मांगी थी, जिस पर कॉलरी प्रबंधन द्वारा 2 माह में प्रकरण का निपटारा होने की उम्मीद जताकर मृतक कॉलरीकर्मी की पत्नी को मना लिया गया था, लेकिन अब उसका कहना है कि 2 माह की समय-सीमा भी समाप्ति की ओर है, उसे अब तक अनुकंपा नियुक्ति प्रदान नहीं की गई है, जिस पर उसने दोबारा आत्मदाह करने का मन बना लिया है।

ज्ञात हो कि कुंजुलाल महरा एसईसीएल हसदेव क्षेत्र अंतर्गत महाप्रबंधक कार्यालय में लिपिक के पद पर कार्यरत थे। इनकी मृत्यु 12 जून 2018 को अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर में उपचार के दौरान हो गई है। मृतक एसईसीएल कर्मी की पत्नी पिछले साढ़े 4 वर्षों से एसईसीएल हसदेव क्षेत्र में अनुकम्पा नियुक्ति के तहत रोजगार प्राप्त करने के लिए भटक रही है। केंद्रीय रा’यमंत्री रेणुका सिंह ने &1 अगस्त 2020 को हसदेव क्षेत्र के महाप्रबंधक को पत्र लिखकर मृतक की पत्नी संध्या मेहरा को सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए यथाशीघ्र अनुकंपा  नियुक्ति प्रदान करने को कहा था, बावजूद इसके अनुकंपा नियुक्ति प्रदान नहीं की गई। 

आत्मदाह करने की अनुमति मांगने वाली मृतक की पत्नी ने केंद्रीय रा’यमंत्री को जानकारी दी कि उसे 7 अक्टूबर 2022 को जारी एसईसीएल हसदेव क्षेत्र के सहायक प्रबंधक (कार्मिक) पत्र प्राप्त हुआ है जिसमें यह कहा गया है कि न्यायालय के निर्णय के पश्चात ही उन्हें रोजगार दिया जाएगा। इस संबंध में उसका कहना है कि उनकी सास ने केवल भविष्य निधि एवं ग्रे’युटी प्राप्त करने के लिए ही न्यायालय में वाद दायर किया है जिसका आश्रित के रोजगार से कोई संबंध नहीं है, क्योंकि उसके ससुर एसईसीएल के पूर्व कर्मचारी हैं तथा पेंशन प्राप्त कर रहे हैं और जेठ भी एसईसीएल में लिपिक के पद पर कार्यरत हैं, अत: उसकी ससुराल में कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं है , जिसे आश्रित रोजगार प्रदान किया जाए। 

संध्या मेहरा ने यह भी बताया कि उन्होंने एक शपथ-पत्र दिया है कि जब उसे रोजगार प्राप्त हो जाएगा, वह अपने वेतन से 50 प्रतिशत राशि अपनी सास को भरण-पोषण हेतु प्रदान करेगी, लेकिन चारों ओर से हताश निराश होने के पश्चात उसके द्वारा 28 अक्टूबर 2022 को 11 बजे एसईसीएल हसदेव क्षेत्र मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय के सामने रोजगार प्रदाय नहीं करने की स्थिति में प्रधानमंत्री के नाम संबोधित पत्र केंद्रीय रा’यमंत्री को सौंपकर आत्मदाह की अनुमति मांगी गई थी, जिस पर 22 अक्टूबर 2022 को क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंधक हसदेव क्षेत्र के द्वारा लिखित में यह कहा गया कि वर्तमान में आश्रित रोजगार का प्रकरण एसईसीएल मुख्यालय स्तर पर प्रक्रिया में है एवं क्षेत्र द्वारा उस पर शीघ्र स्वीकृति दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने 2 माह में प्रकरण का निपटारा होने की उम्मीद भी जताई। 
मृतक कॉलरीकर्मी की आश्रित पत्नी ने कहा कि क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंधक हसदेव क्षेत्र के आश्वासन एवं 2 माह में प्रकरण का निपटारा होने की उम्मीद जताए पर उसके द्वारा आत्मदाह टाल दिया गया था, लेकिन वह समय-सीमा भी समाप्त होने के कगार पर है, लेकिन उसे अनुकंपा नियुक्ति प्रदान नहीं की जा रही है।

 उसने बताया कि पति के आकस्मिक निधन से उसे और उसके मासूम बेटे की जिंदगी में अंधेरा छा गया है। ब"ो की पढ़ाई और जीवकोपार्जन के लिए उसे काफी मुश्किलात का सामना करना पड़ रहा है। एसईसीएल के जिम्मेदार अफसर यह कहकर अपनी जिम्मेदारियों से बचने का प्रयास कर रहे हैं कि प्रकरण मुख्यालय स्तर पर प्रक्रिया में है।
 निराश दिवंगत कॉलरीकर्मी की पत्नी ने कहा कि क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंधक द्वारा दी गई 2 माह की समय-सीमा के भीतर यदि उसे अनुकंपा नियुक्ति प्रदाय नहीं की गई तो वह अपना जीवन समाप्त कर लेगी, जिसकी समस्त जवाबदेही उसे अनुकंपा नियुक्ति से वंचित करने वाले एसईसीएल के जिम्मेदार अफसरों की होगी।

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