महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,2 दिसम्बर। सर्व अनुसूचित जाति समुदाय की लोगों ने छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के खिलाफ महासमुंद में हल्ला बोलते हुए 16 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर सडक़ पर उतरे।
मालूम हो कि अविभाजित मध्यप्रदेश व पृथक छत्तीसगढ़ में 2013 के पहले 16 प्रतिशत आरक्षण मिल रही थी जिसे आरक्षण संशोधन विधेयक 2012 में आरक्षण प्रतिशत में निराधार संशोधन करते हुए पूर्व सरकार द्वारा 12 प्रतिशत कर दिया गया था। जिसे पूर्ववत बहाल करने की घोषणा पत्र का चुनाव प्रचार प्रसार में कांग्रेस पार्टी द्वारा करके सत्ता प्राप्त किया। परंतु वर्तमान में कैबिनेट की बैठक में 2011 की जनगणना के आधार पर 13 प्रतिशत लागू करने की प्रस्ताव पारित किया गया है।
छत्तीसगढ़ के अनुसूचित जाति के लोगों का कहना है कि उनके साथ राजनीतिक साजिश के चलते भेद भाव कर 16 प्रतिशत आरक्षण को 13 प्रतिशत कर दिया गया है। भारतीय जनता पार्टी और वर्तमान कांग्रेस की सरकार दोनों ही पार्टी वोटर के रूप में ही अनुसूचित जाति के लोगों का उपयोग कर सत्ता हासिल करना चाहती है लेकिन उन्हें सत्ता और प्रशासन के संवैधानिक पद पर बहुतायत संख्या में देखना नहीं चाहती है। राजनीतिक पार्टियों द्वारा सत्ता का खेल कर अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के साथ ये खेल अब आगे नहीं चलेगा।
इसी बात की विरोध में अनुसूचित जाति के अंतर्गत सभी समाज के लोगों ने संयुक्त रूप से 30 नवंबर को महासमुंद जिला मुख्यालय के लोहिया चौक में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। यहां अपने उद्बोधन में लक्ष्मण भारती ने कहा कि संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूक रहकर वोट की महत्व को समझें। उन्होंने कहा कि वर्तमान में अनुसूचित जाति वर्ग की जनसंख्या 18 से 20 प्रतिशत हो गई है। इसलिए वर्तमान जनसंख्या के आधार पर अनुसूचित जाति वर्ग की आरक्षण को 16 प्रतिशत किया जाए।
इसके बाद समाज के लोगों ने आक्रोश रैली निकाली और लोहिया चौक से कलेक्ट्रेट तक पहुंच कर राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री व अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष के नाम से ज्ञापन अपर कलेक्टर को सौंपा। इस अवसर पर सतनामी समाज जिला अध्यक्ष विजय बंजारे, गाड़ा समाज के जिला अध्यक्ष के. आर. मुखर्जी, रविदास समाज के जिला अध्यक्ष देवेंद्र रौतिया, सारथी समाज के जिला अध्यक्ष तुलेंद्र सागर, तरुण व्यवहार, टोमन सिंह कागजी, हीरा राम नेताम, आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष भीकम सिंह ठाकुर, सर्व समाज के जिला अध्यक्ष बसंत सिन्हा, कार्यकारी जिला अध्यक्ष पवन पटेल, पेेेव के जिला अध्यक्ष दौलत रात्रे, महिला प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष मीना वर्मा, नितुरानी बांधे व सभी अनुसूचित जाति वर्ग के महिला, पुरुष, युवा, बड़ी संख्या में संयुक्त रूप से शामिल हुए।
प्रगतिशील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज के जिला मीडिया प्रभारी सोमनाथ टोंडेकर बताया कि राज्य सरकार अनुसूचित जाति वर्ग की मांगों पर विचार नहीं करती तो जल्द ही पूरे छत्तीसगढ़ में व्यापक आंदोलन करने का निर्णय समाज द्वारा लिया जाचुका है। इस आंदोलन की शुरुआत महासमुंद जिले से हो चुकी है।