दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 2 दिसंबर। आचार्य विशुद्ध सागर महाराज ने कहा कि दया की एक सीमा होती है और करूणा की भी एक सीमा होती है। संतुलन कसाय के साथ तुम कैसा व्यवहार करते हो इसका निर्णय करना चाहिए। ज्ञान की ओर जाने से कसाय का शासन समाप्त हो जाता है।
दिगम्बर जैन खंडेलवाल भवन में प्रवचन के दौरान आचार्य विषुद्ध सागर महाराज ने कहा कि किसी की आलोचना निन्दा व झूठी स्तुति नहीं करनी चाहिए। ये बंध के कारण है। ऊंचा बनने के बाद ऊंचे विवेक से निर्णय करो। प्रत्येक वस्तु अपनी प्रगति में चल रही है। पुण्य व पाप के हिसाब से जीवन बनता है। गुरू के पास आए है तो उनसे प्रशंंसा की अपेक्षा न करें। गुरू का आर्शिवाद ही प्रशंसा है। दूसरों को प्रसन्न करने की बजाय अपने आपको खुश रखो। ज्ञानी किसी की निन्दा नहीं करते राग द्वेष से रहित होकर प्रशंसा भी नहीं करते। दिन में खाना है और दिन में जीना है रात में नहीं जीना चाहिए। इसलिए प्रकाश में जीयो और प्रकाश में खाओ। आचार्य ने बाबूलाल संतोष कुमार, सुरेश कुमार, विजय जैन, जय आईल परिवार के साथ आहार चर्या की। प्रवचन के दौरान महावीर गंगवाल, जीतेन्द्र पाटनी, मनीष बडज़ात्या, पथ प्रकाश गोधा, राकेश सेठी, राहुल जैन, नरेन्द्र जैन, रतन पाटनी, प्रदीप बाकलीवाल, सुनील गंगवाल, धर्मचंद काला, प्रवीण बडज़ात्या, मनीष बाकलीवाल, दीपक लुहाडिय़ा, अक्षय जैन, विजय जैन, संतोष जैन अजय बोहरा सहित अनेक धर्मप्रेमी मौजूद थे।
आचार्य का नसिया तीर्थ में मंगल प्रवेश
दुर्ग के शिवनाथ तट स्थित दिगंबर जैन समाज के पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महामहोत्सव के लिए 2 दिसंबर शुक्रवार को आचार्य विशुद्ध सागर का नसिया तीर्थ में ससंघ मंगल प्रवेश होगा। सुबह 6.30 बजे देवाज्ञा 6.45 बजे गुरू आज्ञा के बाद 7 बजे दिगंबर जैन खंडेलवाल भवन से बाजे गाजे के साथ शोभायात्रा निकलेगी। इसके बाद 8 बजे नसिया तीर्थ में मंगलध्वजारोहण होगा। 8.30 बजे मंडप उद्घाटन मंगल कलश स्थापना शांति कलश स्थापना व अखंड दीप की स्थापना की जाएगी।
9.30 बजे व 3.30 बजे आचार्य की दिव्य देशना होगी। दोपहर 1 बजे मंगलाष्टक सकलीकरण इन्द्र प्रतिष्ठा व याग मंडल विधान पूजन का कार्यक्रम होगा। सांयकाल 7 बजे आरती व शास्त्र प्रवचन होगा। रात्रि 8 बजे सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा।