महासमुन्द
पिथौरा, 1 दिसंबर। छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के नवनियुक्त संदस्य अंकित ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा विद्यार्थियों के हित में बहुत बड़ा फैसला लिया है जिसके तहत अंकित ने बताया की विद्यार्थियों को प्रतिवर्ष जाति प्रमाण पत्र जारी किए जाने के स्थान पर एक ही बार जाति प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे और विद्यार्थियों को जारी जाति प्रमाण पत्र स्थायी अभिलेख की तरह होंगे।
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सभी कलेक्टरों को जारी किए गए निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि स्थाई सामाजिक प्रास्थिति प्रमाण पत्र (जाति प्रमाण पत्र) की मान्यता समय के द्वारा सीमित नहीं होगी अर्थात् यह कालातीत नहीं होगा यह सर्वदा के लिए होगा। यह एक तरह से स्थाई अभिलेख है। बार-बार जाति प्रमाण जारी किए जाने की आवश्यकता नही है। जाति प्रमाण पत्र खो जाने की स्थिति में प्राधिकृत अधिकारी द्वारा इसका डुप्लीकेट भी जारी किया जा सकेगा।
इस आदेश की सबसे अच्छी बात है कि कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित समस्त शासकीय, निजी शालाओं एवं केन्द्रीय बोर्ड की शालाओं में कक्षा छठवीं से बारहवीं तक अध्ययनरत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछडा वर्ग के विद्यार्थियों के जाति एवं निवास प्रमाण पत्र उनकी शालाओं में अध्ययनरत होने के दौरान ही उनके स्थायी जाति प्रमाण पत्र एवं निवास प्रमाण पत्र तैयार कर शालाओं में वितरित किए जाए, तथा उक्त शिविर का आयोजन प्रत्येक वर्ष निरंतर रूप से जारी रखे जाए। साथ ही इस संबंध में मासिक प्रगति रिपोर्ट अनिवार्य रूप से सामान्य प्रशासन विभाग (आरक्षण प्रकोष्ठ) को भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
अंकित ने राज्य की भूपेश सरकार की इस पहल को छात्रहित में लिए गए फैसलों में मील का पत्थर बताया है और आशा की है कि इससे लाखों छात्र छात्राओं को लाभ होगा और इसके कारक कभी-कभी प्रवेश में आने वाली समस्याओं से स्थायी निदान मिलेगा।