सरगुजा

एड्स जागरुकता एवं युवा विकास कार्यक्रम सह संगोष्ठी
02-Dec-2022 9:08 PM
एड्स जागरुकता एवं युवा विकास कार्यक्रम सह संगोष्ठी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अम्बिकापुर, 2 दिसंबर। एड्स जागरूकता सप्ताह अन्तर्गत चिराग सोशल वेलफेयर सोसायटी, सरगुजा साइंस ग्रुप एजुकेशन सोसायटी, शियती सोशल वेलफेयर सोसायटी  एवं  छत्तीसगढ़ अलाइंस फ़ॉर बिहेवियर चेंज  के संयुक्त तत्वावधान में राजमोहिनी देवी कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय अम्बिकापुर में एड्स जागरुकता एवं युवा विकास कार्यक्रम सह संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

 कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए चिराग सोशल वेलफेयर सोसायटी के निदेशक मंगल पाण्डेय ने कहा कि एड्स एक जान लेवा संक्रामक रोग है। एचआईवी एक ऐसा वायरस है, जो  मनुष्य के शरीर के श्वेत रक्त कणों में प्रवेश कर श्वेत रक्त कणों का विनाश करते हैं, जिससे मनुष्य के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता धीरे -धीरे घट जाती है। एचआईवी का संक्रमण असुरक्षित यौन संबंध बनाने, एचआईवी संक्रमित व्यक्ति का रक्त चढ़ाने, एचआईवी संक्रमित सूई या तेज उपकरणों के प्रयोग से तथा एचआईवी संक्रमित गर्भवती महिला से उसके बच्चे को। इन चार कारणों से ही एचआईवी फैलता है। यह संक्रमण हम सभी को रोकना होगा। एचआईवी/एड्स से ज्यादा युवा प्रभावित होते हैं।

एचआईवी/एड्स के संबंध में जागरूकता ही बचाव है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा एड्स का मुफ्त इलाज होता है। एड्स पीडि़त व्यक्ति यदि नियमित जांच एवं उपचार करें तो वह जीवन जी सकता है । एड्स पीडि़त व्यक्तियों के साथ समाज में भेदभाव होता है।जो उचित नहीं है उनके साथ सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार करना हम सबकी जिम्मेदारी है।

 मुख्य अतिथि साहित्यकार एवं कवि संतोष दास ने युवा कौन है, क्या है, क्या कर सकता है तथा कैसे वह सही राह पर चले सहित विभिन्न विषयों पर छात्राओं से बात की तथा अपने कविताओं एवं गीत के माध्यम से उत्साहवर्धन किया।

विशिष्ट अतिथि सरगुजा विश्वविद्यालय के विधायक प्रतिनिधि आलोक सिंह ने कहा कि एचआईवी से सतर्कता ही बचाव है, इस पर खासकर युवाओं को स्वयं जागरूक होने की आवश्यकता है।

इस दौरान विशिष्ट अतिथि जन शिक्षण संस्थान के निदेशक एम.सिद्दीकी ने कहा कि जागरूकता एक ऐसा चरण है जो कि हर रोज हमें कुछ न कुछ नया सीखने, समझने और फिर उसे अपने जीवन में ढालने की प्रेरणा देता है। जागरूक हम तभी होंगे जब स्वयं के जीवन में बताये गये बातों को उतारें, उन्होंने एड्स के लगातार बढ़ते आंकड़ों पर चिंता व्यक्त करते हुए स्वयं एवं आसपास जागरूक करने का आह्वान किया।

महाविद्यालय की सहायक प्राध्यापक डॉ. एजेन टोप्पो ने कहा कि यह हमारे महाविद्यालय के शिक्षण का एक भाग है। ऐसे आयोजन होने से बच्चों को इससे काफी लाभ होता है। यही कारण है कि हम अपने विभिन्न विभागों के साथ कई संस्थाओं को जोड़ कर बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक स्थितियों से भी परिचित करा रहे हैं।

इस दौरान कार्यक्रम का संचालन सरगुजा साइंस ग्रुप एवं एजुकेशन सोसायटी के संस्थापक अंचल ओझा ने किया। आभार प्रदर्शन सरस्वती विश्वकर्मा ने तथा कार्यक्रम की रूपरेखा सुनिधि शुक्ला ने रखी। कार्यक्रम में महाविद्यालय के एनएसएस इकाई, रेडक्रॉस इकाई, ईको क्लब सहित विज्ञान संकाय के छात्राओं की उपस्थिति रही।

इस दौरान सहायक प्राध्यापक डॉ अलका जैन, ममता दिव्य, लता जायसवाल, विवेक सिंह, रमेश यादव, अमीना खातून, विनीता लकड़ा, सुमन, अनुरंजना, रिया, अमीषा, प्रतिमा सहित अन्य लोगों का कार्यक्रम के आयोजन में महत्वपूर्ण योगदान रहा। इस दौरान काफी संख्या में उपस्थित छात्राओं ने अपनी बात रखी। साथ ही छात्राओं के  समस्याओं के समाधान का बेहतर विकल्प अतिथियों एवं विषय विशेषज्ञों के द्वारा दिया गया ।

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